सुजीत ठमके-
वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष अब सक्रीय पत्रकारिता में नहीं है। कभी कभी अखबारों में जरूर लिखते है। टीवी पत्रकार से नेता बन चुके आशुतोष आप के प्रवक्ता है। टीवी डिबेट, प्रचार सभा में हिस्सा लेना उनके उनके कैरियर का भाग है। लेकिन आशुतोष ने अपने सक्रिय पत्रकारिता के कैरियर में चार चाँद लगा दिए थे। कई बड़ी खबरों को उजागर किया। तमिलनाडु का तख्तापलट उन्ही में से एक है। आशुतोष जब आईबीएन -७ के मुख्य संपादक थे तब उन्होंने पुख्ता जानकारी के आधार पर एक ३० मिनट का प्रोग्राम ऑन एयर किया था। इस प्रोग्राम की स्क्रिप्ट भलेही फ़िल्मी लगती हो किन्तु देश की राजनीति में हड़कंप मचाने वाली थी। प्रोग्राम का शीर्षक था ” तमिलनाडु में तख्ता पलट की कोशिश ? जी हां। तख्तापलट। तत्कालीन तमिलनाडु की मुख्यमंत्री स्वर्गीय जयललिता की ख़ास दोस्त शशिकला ने यह कोशिश उनके ख़ास रसोइयो के जरिये की थी। शशिकला ने उनके पुश्तेनी गाव से जयललिता के लिए ख़ास रसोइये मंगवाए थे। रसोइयो को खाने में स्लो – पोइजन कैसे देना है ? कब देना है ? कितनी मात्रा में देना है ? ताकि धीरे धीरे जयललिता का शरीर का एक एक हिस्सा काम करना बंद कर दे ? और उसके बाद तमिलनाडु का कैसा तख्तापलट करना है। इस पर आशुतोष ने एक बेहतर प्रोग्राम किया था। लेकिन जयललिता को जब उसे स्लो – पोइजन देखर मारने की कोशिश की जा रही है ऎसी आशंका आई तब जयललिता ने आनन् पानन शशिकला को बाहर का रास्ता दिखा दिया। तथा उनके द्वारा गाव से लाये गए कभी बावर्ची को हटा दिया गया था। आय से अधिक संपत्ति मामले में जब शशिकला को ४ वर्ष की जेल हुई है। तब आशुतोष ने किया हुआ यह खुलासा याद आया है।
श्री आशुतोष बेशक राजनीति में आ चुके हैं लेकिन उनके दर्शक उनकी सक्रिय पत्रकारिता उनके बहस के अंदाज को कभी नहीं भूलेंगे