संजय तिवारी,संपादक,विस्फोट
रक्षाबंधन हो कि दीपावली राष्ट्रपति महोदय उन बच्चियों को कुछ न कुछ तोहफा देकर विदा करते हैं जो गरीब परिवारों से बुलाकर लायी जाती हैं. यह बहुत अच्छा है. लेकिन इससे भी अच्छा यह हो सकता है कि राष्ट्रपति जी सिर्फ चॉकलेट जैसे तोहफों तक अपने आपको सीमित न रखें. क्या अच्छा हो कि ऐसे मौकों पर यहां आनेवाली लड़कियों को कुछ ऐसा तोहफा दिया जाए कि उनके जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आ जाए. कुछ लाख या करोड़ खर्च कर देने से हर साल सैकड़ों लड़कियों का जीवन संवारा जा सकता है और आयोजन भी महज सरकारी दिखावा नहीं रह जाएगा.
@एफबी