वेद उनियाल
बीस बच्चे दुर्घटना में अपनी जान गवां बैठे। लेकिन टीवी चैनलों के लिए पूरे दिन सानिया ही सानिया। एक से बढ़कर एक नेता। ऊंचे धुरंधर विशेषज्ञ। एक ने पलटकर नहीं कहा कि एक मामूली विधायक की बात पर इतना तूल क्यों देते हो।
देश और शासकों का ध्यान उस घटना की ओर ले जाओ जहां हम घोर लापरवाही के चलते अबोध कोमल बच्चों की जिंदगी ले लेते हैं। सानिया की बहस से टमाटर सस्ते नहीं हो जाने। न ही रेलवे के फाटकों की व्यवस्था ठीक हो जानी।
दिमागी फितूर से कही गई एक टिप्पणी पर इतना बबाल। उन घरों की सोचिए जहां लोग अपने बच्चे के लिए बिलख रहे होंगे। कहां जा रहा है हमारा देश। कहां जा रहा है हमारा मीडिया ।
(स्रोत-एफबी)