वेद उनियाल
फेसबुक को दो धाराओं से बचाइए।
एक तरफ मोदी भक्त हैं तो दूसरी तरफ मोदी विरोधी।
एक बड़ी दिक्कत है । अगर किसी मसले पर मोदी सरकार के किसी निर्णय की प्रशंसा की जाए तो मोदी विरोधी चौकन्ने हो जाते हैं। टिप्पणी करने वाले को संघी, भाजपाई, मोदी भक्त कहकर निस्तेज करने की कोशिश करते हैं। उसका कचूमर निकालने के लिए तैयार हैं।
दूसरी ओर मोदी के परम भक्त हैं कि सरकार या मोदी के खिलाफ कुछ सुनना ही नहीं चाहते। एक शब्द जरा कहिए वो शब्दों के खड्ग लेकर तैयार हो जाते हैं। …
दोनों ही मानसिक तौर पर लथपथ हैं और भटक रहे हैं। इन दोनों किस्म के पहलवानों से बचते हुए हमारी कोशिश यही होगी कि जहां जो उचित या अनुचित लगेगा उसे लिखेंगे। बिना परवाह किए कि कौन क्या सोचता है।
(स्रोत-एफबी)