कुंवर प्रीतम
ओड़िशा के गोपालपुर, जहां समुद्री तूफान के टकराने की आशंका है, वहां देश-दुनिया के तमाम चैनलों के सैंकड़ों संवाददाता अपने-अपने चैनलों पर लाइव कवरेज प्रस्तुत कर रहे हैं। लेकिन निकम्मे और झूठे आज तक संवाददाता ने अभी गोपालपुर से रिपोर्टिंग करते हुए एंकर को कहा कि आजतक एकमात्र चैनल है, जिसके संवाददाता गोपालपुर में बने हुए हैं। आप चाहें तो कोई भी चैनल ऑन करके देख सकते हैं, सभी चैनलों पर गोपालपुर से लाइव रिपोर्टिंग प्रस्तुत की जा रही है। झूठा कहीं का आज तक….
Kailash Didwania प्रीतम जी आजकल हर चैनल का यह रिवाज हो गया बोलने का कि सबसे पहले और एक मात्र चैनल reporting tHis aur that…..
Neeraj Kumar Mishra साहब आखिर इन्हें अपनी दुकानदारी भी तो चलानी है । दूरदर्शन पर आधे घंटे के स्लॉट से शुरू हुआ “आजतक” इसी झूठ की कमाई और झूठी खबर पर ही तो यहाँ तक पहुंची है ।
(Kunwar Preetam के फेसबुक वॉल से)
फेसबुक पर आयी कुछ और प्रतिक्रियाएं:
Kush Vaishnav : ऐसा लग रहा है जैसे न्यूज चैनल वाले वर्ल्ड कप फाईनल की कवरेज दिखा रहे है तूफ़ान की नहीं।
Arun Sathi : साहसी पत्रकारिता…..वैसे तो आजकल पत्रकारों को गलियाने का चलन है पर तुफान के बीच से कई पत्रकार जान की बाजी लगा कर रिर्पोटिंग कर रहे हैं और इसपर क्रान्तिवीरों की क्रान्तिकारिता मौन है। एक तरफ जहां वहां से निवासियों को हटा दिया गया है वहीं दूसरी तरफ जान की बाजी लगा कर रिर्पोटिंग करना…साहसी कदम है… सलाम….
मीडिया खबर : महातूफान असल में आये या ना आये समाचार चैनलों पर महातूफान आ चुका है. समझ में नहीं आता कि महातूफान की सूचना देकर चैनल वाले सावधान करना चाहते हैं या भयभीत करके अफरा-तफरी मचाना? वैसे महामंत्र यही है कि पूरे दिन समाचार चैनल देखते रहिये, महातूफान से आपकी रक्षा हो जाएगी.
Ramesh Yadav : भारतीय मीडिया ख़ासकर टीवी मीडिया त्रासदी पैदा करता है,उसका प्रबंधन नहीं करता..
TV मीडिया ने अपनी-अपनी स्क्रीन पर जो ‘पायलिन’ लाया है,उससे दहशत अधिक पैदा हुई है.जबकि होना यह चाहिए था कि इस तूफ़ान से बचने के कितने रास्ते तलाशे जा सकते हैं,बीना घर द्वार का मोह किये,जीवन को कैसे बचाया जा सकता है..अाखिरकार पेड़ गिरने से 6 लोगों की मौत हुई,सूचित किये होते की पेड़ों से दूर रहे,सुरिक्षत रहें तो शायद लोग बचने के लिए अौर उपाय तलाशे होते …
Jagadishwar Chaturvedi : गोपालपुर से 50कि.मी.दूर है तूफान.टीशी चैनल विज्ञापन बँद करके अविकल खबरेँ देँ.यह राष्ट्रीय आपदा का समय है यह खुशगवार मौसम नहीं है. पोस्को प्लांट के द्वारा1.7लाख पेड काटे जाने से उडीसा के गाँवोँ की प्राकृतिक आपदा के खिलाफ संरक्षण की ढाल टूट गयी है. उस समय कहाँ था मीडिया ? फिलिन तूफान बहुत खतरनाक है,7राज्य के 50 शहर प्रभावित होंगे,टीवी वाले इन शहरोँ केबारे मेँ चुप क्यों हैं ?
अजय झा : साले समाचार चैनल खुद भी किसी बडे तूफ़ान से कम नहीं हैं ..ऊ तो रोजिन्ना आते हैं ..इसलिए मन अब ओतना घबराता नय है 🙂 🙂
Padm Singh : समाचार चैनल बड़ी द्विविधा में हैं … बड़ी आपदा फ़ैलिन है ….या आसाराम
Abe gadhe
Baaki saare channel 7-8 km dhur hain gopalpur se
Rahul kanwal gopalpur mein hi hai
Pehle dhang se research karo tab post karo…ghatiya website mediakhabar
gadhe aur usse bhi bade gadhe hain yahan.. par phir bhi insaniyat ke liye khna chahunga ki aajtak, india news aur baki news channel wale sirf trp ke liye kaam karte hain . Koi sachai nhi dikhate yeh log , sikke ka ek pahlu bade jor shor se dikhate hain dusre ko najarandaj karte hain chahe woh kitna hi imp. kyon naa ho. Aasman ki taraf thook toh dete hain isliye wapis samna karne se phat-ti hai sabki.. sabke sab fraud hain agar news dekhni hain toh watch dd news best for reports ever/forever.