अभिषेक रंजन
” क्रिस्चन कॉलोनी, जहाँ न केवल दिल्ली विश्वविद्यालय के हज़ारो छात्र रहते है बल्कि अन्य प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी करने देश के विविध कोने से छात्र यहाँ आते है । सभी प्राथमिक सुविधाओ से रहित इन मकानों में जहाँ एक छोटी चारपाई भी मुश्किल से आ पाती है , कंधो के बराबर हाथ फ़ैलाने पे हाथ दीवाल में जा लड़ते है और ऊपर उठने पर पंखे में । जहाँ एक ओर इन कमरो में धूप सालो से नहीं पहुँच पा रही है, वही इन कमरो के किराये ने आसमान छू लिया है । अब इसकी ऊंचाई आम छात्रों के पहुंच से बाहर है। लेकिन कॉलोनी में रह रहे छात्रों ने अब इसके खिलाफ हल्ला बोल का नारा देते हुए अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दिया है । अब सवाल यह है कि इसमें वे कहां तक सफल हो पाते है ? ये मुद्दा भूख हड़ताल पर बैठे केवल कुछ छात्रों का नहीं है, ये समस्या है दिल्ली के कोने कोने में गैर कानूनी तरीके से किराया ले रहे उन सभी मकान मालिकों से जुड़ा है, जो केवल नाजायज़ किराया ही नहीं ले रहे है बल्कि बहुत बड़े मात्रा में कर का भी चोरी कर रहे है । तो दोस्तों, अब एक साथ हो जाओ और वहां पहुँच कर भूख हड़ताल पर बैठे साथियो का हौसला बढ़ाये |”
(स्रोत-एफबी)