कांग्रेस में भी भाजपा की तरह कोई मार्गदर्शक मंडल बने। सोनिया-राहुल-प्रियंका भाजपा सरीखे कांग्रेसी मार्गदर्शक मंडल के लिए सबसे मुफीद हैं। कांग्रेस में जनाधार वाले काबिल नेताओं की कमी नहीं, लेकिन अभी उनकी आधी से ज्यादा ऊर्जा राहुल गांधी के प्रति निष्ठा जताने और उनके बेढब बयानों को भी सही करार देने में खप जाती है। इससे परिवार का तो हित सध सकता है, पार्टी का नहीं। नरेंद्र मोदी के गुजरात से निकलकर राष्ट्रीय पटल पर छा जाने के बाद कांग्र्रेस को दीवार पर लिखी यह इबारत अच्छे-से पढ़ लेनी चाहिए कि अब देश की जनता उसके ही साथ खड़ी होगी, जो कुछ कर दिखाने में समर्थ होगा और अपने कामों से भरोसा पैदा करेगा।
राजीव सचान @ एफबी