आज के मुख्य समाचार….इस समाचार पर ज्यादा प्रकाश डालने के लिए हमारे साथ हैं हमारे हंसमुख संवाददाता, प्रकाश. जी प्रकाश…डालिए.
रौशनी, खबर है कि…लेकिन प्रकाश इस मामले की इनविटेशन..इनविटेशन नहीं इन्वेस्टीगेशन रौशनी.( रौशनी आगे सवाल के इसके पहले ही संवाददाता फोन काट देता है.)
बिग 92.7 एफ एम पर “न्यूज पेप्पर” यानी न्यूज कम पेप्पर( काली मिर्च) ज्यादा नाम से फिलर आते हैं जिसमे एंकर रौशनी और रिपोर्टर प्रकाश की बातचीत इस शक्ल में होती है जैसे किसी न्यूज चैनल की लाइव शो चल रही है. लेकिन सुनते हुए श्रोता समझ नहीं पाते कि जब सबकुछ अखबार है, यहां तक कि साईकिल की घंटी बजाते हुए इसके घर-घर पहुंचाने का भी संकेत शामिल है तो फिर उसमे रिपोर्टर और एंकर कहां से आ गए.
बहरहाल इस फिलर में एंकर कोई एक शब्द ऐसा जरुर बोलती है जो कि गलत होते हैं, फिर कोई तथ्य जिसे कि संवाददाता ठीक करता है. एंकर झल्लाते हुए आगे सवाल करे इसके पहले कि रिपोर्टर का फोन कट जाता है. हां ये जरुर है कि जी प्रकाश और डालिए के बीच पर्याप्त अन्तराल होता है जिससे कि अर्थ के स्तर पर अलग दुनिया में ले जाते हैं, बिना अश्लील शब्द-प्रयोग के पोर्न फ्लेवर पैदा करने की कोशिश.
कंटेंट के लिहाज से गौर करें तो ये अच्छा फिलर है जिसमे संबंधित खबर के लोगों और संस्थान पर कटाक्ष होते हैं और ये कला न्यूज चैनलों को इनसे सीखनी चाहिए लेकिन प्रस्तुति का भद्दापन और डालिए का प्रयोग इन सब पर गुड़-गोबर कर देता है..हां ये जरुर है कि इससे मीडिया की मदारी छवि कायदे से उभरकर आती है.
(मूलतः तहलका में प्रकाशित)