रामदत्त त्रिपाठी का बीबीसी में आज आखिरी दिन
बीबीसी हिंदी की साख और धमक जैसे – जैसे कम हो रही है, वैसे – वैसे साखदार लोग भी बीबीसी हिंदी से किनाराकशी कर रहे हैं या फिर ऐसा करने के लिए मजबूर किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में नया नाम है, लखनऊ के बीबीसी संवाददाता रामदत्त त्रिपाठी. आज बीबीसी में उनका आखिरी दिन है. उन्होंने 21 साल तक बीबीसी हिंदी सेवा के साथ काम किया और बीबीसी के साथ उनकी पहचान ऐसी बनी कि लखनऊ का नाम आते ही ये शब्द अपने – आप गूंजने लगता – रामदत्त त्रिपाठी, बीबीसी लखनऊ.
उन्होंने खुद इस संबंध में एफबी फ्रेंड को सूचित करते हुए फेसबुक पर लिखा – ‘Leaving BBC today after working for 21 years.’ फेसबुक पर उनके इतना लिखते ही उनके प्रशंसकों और मित्रों ने कमेंट की बौछार कर दी. कोई दुखी है तो कोई इसे दुर्भाग्यपूर्ण बता रहा है.
वैसे रामदत्त त्रिपाठी जैसे वरिष्ठ लोगों का बीबीसी हिंदी सेवा छोड़कर जाना वाकई में दुर्भाग्यपूर्ण है. वैसे अंदर की खबर है कि रामदत्त त्रिपाठी के सामने बीबीसी प्रबंधन ऐसी स्थितियां पैदा कर रहा था कि वे अपने आप ही बीबीसी छोड़ दें. ऐसे कामों के लिए बदनाम बीबीसी हिंदी के संपादक निधीश त्यागी यही काम कई महीनों से कर रहे थे. इसकी विस्तृत रिपोर्ट दूसरी रिपोर्ट में पेश की जायेगी.फिलहाल ये खबर है कि बीबीसी हिंदी और उसके संपादक निधीश त्यागी की नीतियों की वजह से पटना से मणिकांत ठाकुर और हैदराबाद से उमर फारुख भी बीबीसी छोड़ रहे हैं. इस बाबत रामदत्त त्रिपाठी अपने वॉल पर लिखते हैं – ‘Ram Dutt Tripathi Manikant Thakur from Patna and Omer Farooq from Hyderabad also leaving BBC.’