जिला पंचायत सभागार में नया मीडिया मंच द्वारा आयोजित ‘नया मीडिया एवं ग्रामीण पत्रकारिता’ विषयक संगोष्ठी तथा सम्मान समारोह की अध्यक्षता करते हुए दीदउ गोविवि गोरखपुर के हिन्दी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. रामदेव शुक्ल ने कहा कि ग्रामीण पत्रकारिता की व्यथा को सुनकर मुझे पीड़ा हुई है। समाचारों को अपनी सुविधानुसार छापने से पत्रकारों का मनोबल टूटता है। श्री शुक्ल ने गांवों के विकास में ग्रामीण पत्रकारों की अहम भूमिका बताते हुए कहा कि समाज के निर्माण में पत्रकारों की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने पत्रकारों से अपनी ताकत पहचानने का आह्वान करते हुए कहा कि आप अपनी ताकत को पहचानो। कलम का मुकाबला तोप भी नहीं कर सकती है। उन्होंने मीडिया के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज मीडिया नहीं होता तो देश कब का बिक गया होता। श्री शुक्ल ने सोशल मीडिया पर अश्लीलता के बढ़ते प्रभाव पर भी चिंता जाहिर की और कहा कि अश्लीलता भारतीय संस्कृति के विपरीत है। संगोष्ठी को मा.वि.वि. भोपाल के ई-मीडिया के विभागाध्यक्ष डॉ. श्रीकान्त सिंह, पंकज झा, यशवन्त सिंह, डॉ. दिनेश मणि त्रिपाठी, आल इण्डिया रेडियो , दिल्ली की समाचार वाचिका श्रीमती अलका सिंह, संजय मिश्र, नर्वदेश्वर पाण्डेय ‘देहाती’, डॉ. जयप्रकाश पाठक, डॉ.सौरभ मालवीय, राजीव कुमार यादव, अरुण कुमार पाण्डेय, सिद्धार्थ मणि त्रिपाठी, सतीश कुमार सिंह, पं. राघवशरण तिवारी समेत दर्जनों लोगों ने संबोधित किया। संगोष्ठी का संचालन शिवानन्द द्विवेदी ने संबोधित किया। इस अवसर पर उदय प्रताप सिंह, विवेक धर द्विवेदी, विद्या पाण्डेय, दिलीप मल्ल, जयशंकर पाण्डेय सहित सैकड़ों पत्रकार, अधिवक्ता, समाजसेवी आदि उपस्थित रहे। इस समारोह में कार्यक्रम के अध्यक्ष दीदउ गोविवि गोरखपुर के हिन्दी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. रामदेव शुक्ल ने पत्रकार नर्वदेश्वर पाण्डेय ‘देहाती’, संजय मिश्र, राजीव कुमार यादव, इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकार सौरव मालवीय एवं शिक्षाविद् प्रो. जयप्रकाश पाठक समेत पांच लोगों को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिह्न देकर मोती बीए सम्मान से सम्मानित किया गया।
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