रमेश सर्राफ
झुंझुनू, 11 अक्टूबर। झुंझुनू के सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी कार्यालय के हाल को लेकर कई बार दैनिक उद्योग आस-पास ने प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से आमजन के साथ-साथ अधिकारियों को सचेत किया है। लेकिन मीडियाकर्मियों में पीआरओ ऑफिस के हाल को लेकर दर्द शुक्रवार को हुर्इ प्रेस वार्ता में भी सामने आ ही गया। जब जिला कलेक्टर डॉ. आरूषि मलिक पत्रकारों से आने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर चर्चा कर रही थी, उसी दौरान मीडियाकर्मियों ने पीआरओ ऑफिस के हालातों को सामने रखा।
शुरूआत में प्रेस वार्ता काफी सौहार्दपूर्ण तरीके से चली, लेकिन जब प्रशासन चुनावों संबंधी तथा स्वीप कार्यक्रम संबंधी खबरों को अधिक से अधिक प्रकाशित करने का बात बार-बार कही तो एक पत्रकार से रूका नहीं गया और आखिरकार उसने कह दिया कि ‘मैडम, हम अकेले ही क्या करें, आपके पीआरओ ऑफिस से प्रेस नोट नौ-नौ बजे तक आते हैं।’ जिस पर प्रेस वार्ता में गरमाहट हो गई और किसी ने पीआरओ से डीपीआर दरें मांगी तो किसी ने कुछ जानकारी। यहीं नहीं कुछ पत्रकारों ने पीआरओ ऑफिस में चल रहे ‘प्राइवेट कार्यों’ की बात भी कलेक्टर के कानों तक डाल दी।
हालांकि इसके बाद मामला शांत हो गया। लेकिन यह तय हो गया कि पीआरओ ऑफिस के हालातों को लेकर पत्रकारों में भयंकर दर्द छिपा हुआ है, जिसको समय रहते दूर नहीं किया गया तो आने वाले समय में हालात बिगड़ सकते हैं।
वार्ता में एडीएम दाताराम, पीआरओ हेमंतसिंह, मास्टर ट्रेनर कमलेश तेतरवाल व अमीलाल मूंड सहित चुनाव शाखा के नवीद, जयप्रकाश शर्माआदि शामिल हुए। नहीं छूट रहा अधिकारी का मोह चर्चा है कि पीआरओ ऑफिस के एक पूर्व अधिकारी सवाई सिंह का मोह अब भी विभाग से नहीं छूट रहा है। इस अधिकारी को सेवानिवृत्ति के बाद एक अन्य सरकारी जगह पर लगाया गया है।
लेकिन फिर भी यह अधिकारी आधे दिन अपने नई जगह और आधे दिन फिर से पीआरओ ऑफिस में ही टाइम बिताता है। बाकायदा उसके लिए अलग से बैठने की व्यवस्था भी की गई है। ऐसे में चर्चा यह भी है कि फिलहाल भी पीआरओ ऑफिस उन्हीं के इशारों पर चल रहा है और जो प्राइवेट कामों का बोझ पीआरओ ऑफिस झेल रहा है।