उपन्यास और ग़ज़ल लिखकर शीर्ष पर बैठे पत्रकार हैं या छदम पत्रकार?

दीपक शर्मा, पत्रकार, आजतक

25-30 साल की पत्रकारिता के बावजूद जो एक भी ऐसी खबर ना कर सके जिस पर कोई सिपाही या चपरासी सस्पेंड हुआ हो ? जो पत्रकारिता के नाम पर उपन्यास और ग़ज़ल लिखकर कर अखबार या चैनल के सिरमौर बन गए उन्हें आप क्या कहेंगे ?
पत्रकार या छदम पत्रकार ?

30-35 साल के व्यापार में जो गरीबों से 10-10 रूपए बटोरकर बिजनेस के नाम पर चिट् फंड का गैर कानूनी धंधा चलाते रहे …जिन्होंने हज़ारों करोड़ के गबन किये और उत्पादन के नाम पर कील तक नही बनाई उन्हें आप क्या कहेंगे ?
उद्योगपति या छदम उद्योगपति ?

40-45 साल के कथित सार्वजनिक जीवन में जो एक बार भी जनता की बीच वोट मांगने नही गए …और दशकों तक संसद की राजनीति करते रहे ….जो देशवासियों के समर्थन से नही किसी एक की चापलूसी से सत्ता पर काबिज हुए उन्हें आप क्या कहेंगे ?
नेता या छदम नेता ?

मित्रों ये देश छदम वाद से ग्रसित है ? खबर पढ़ने-बोलने वाले स्टार पत्रकार है ..खबर निकाल कर लाने वाले हाशिए पर? उत्पादन करने वाले कर्जे में डूबे है और चिट् फंड वाले देश चला रहे है? जनता के बीच के नेता सड़क पर हैं और जनता से दूर रहने वाले सरकार चला रहे हैं?
क्या आप मानते है देश नकली लोगों के हाथों में जा रहा है ?अगर ऐसा है तो क्या छदम वाद पर सीरीज शुरू करनी चाहिए ?

(स्रोत-एफबी)

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