अभी-अभी एक बैंक के लिेए एक इश्तिहार बनाया है-
अमित शाह उद्धव ठाकरे को मुंह चिढ़ा रहे हैं।
उद्धव ठाकरे अमित शाह को घूंसा दिखा रहे हैं।
उद्धव ठाकरे कैमरे के सामने खड़े होकर कह रहे हैं, ये अमित शाह मेरा दोस्त नहीं है, ये मुझे चीफ मिनिस्टर नहीं बनाता है। पहले वाले पुरानेवाले मेरे दोस्त थे, वो मुझे हमेशा चीफ मिनिस्टर मानते थे। दोस्ती ऐसी होनी चाहिए, ऐसी नहीं अमित शाह वाली नहीं।
पीछे से स्वर उभरता है-
दोस्ती पुरानी जैसी पक्कीवाली हो, जैसे आईडीबीआई बैंक निभाता है।
बरसों की दोस्ती, बरसों का बैंक।
Alok Puranik @ स्रोत-एफबी