सामाजिक संगठन ‘तहरीर’ ने उत्तर प्रदेश सरकार के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को मांगपत्र भेजकर लोकायुक्त जांच में फंसे खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली को मंत्री पद से तत्काल बर्खास्त करने और लोकायुक्त द्वारा अब तक अंतिम की गयी सभी जांच रिपोर्टों परतत्काल कार्यवाही करने की मांग उठायी है . इस सम्बन्ध में ‘तहरीर’ ने प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्य कर रहे सभी सामाजिक संगठनों से संपर्क भी किया है और यदि एक माह में ये मांगें नहीं मानी गयीं तो ‘तहरीर’ के नेतृत्व में प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्य कर रहे अनेकों सामाजिक संगठनों के द्वारा लखनऊ में अनशन/धरना-प्रदर्शन का आयोजित किया जायेगा तथा यदि आवश्यक हुआ तो इस मामले में ‘तहरीर’ की ओर से उच्च-न्यायालय में जनहित याचिका भी दायर की जाएगी .
हमारा मानना है कि भ्रष्टाचार का आरोपी कोई भी लोकसेवक अपने पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार खो देता है और फिर इस मामले में तो एक संवैधानिक संस्था लोकायुक्त को इन मंत्रियों के खिलाफ लगे आरोप प्रथम दृष्टया सही ही लगे हैं .इन मामलों में निष्पक्ष जांच के लिए इनको पद से हटाया जाना नितांत आवश्यक है क्योंकि मंत्री रहते हुए ये दोनों अपने विभागों से सम्बंधित जांचों को प्रतिकूल प्रभावित करेंगे .
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार के खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पर पद का दुरुपयोग कर आय से ज्यादा संपत्ति जुटाने के आरोपों की शिकायत पर लोकायुक्त जस्टिस एनके मेहरोत्रा द्वारा 1725 पेज के साक्ष्यों के आधार पर गायत्री प्रजापति एवं कुछ अन्य को नोटिस भेजकर आरोपों पर जवाब मांगने की कार्यवाही की जा रही है . गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ ओम शंकर द्विवेदी की ओर से दाखिल की गई शिकायत दर्ज कर शुरू की गयी जांच के पहले चरण में लोकायुक्त ने तीन लोगों को नोटिस भेजे गए हैं, जिनके खिलाफ ओम शंकर द्विवेदी की शिकायत के साथ प्रॉपर्टी की सेल डीड दाखिल की गई थी . इनमें गायत्री के दोनों ड्राइवर रामराज और मनोज के साथ गायत्री की महिला मित्र गुड्डा भी हैं. नोटिस में शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों पर इन लोगों का स्पष्टीकरण तलब किया गया है. इन्हें अपना जवाब देने के लिए सात जनवरी से नौ जनवरी के बीच का समय दिया गया है. लोकायुक्त ने उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली के खिलाफ शिकायत करने वाले हरदोई निवासी बाबा भगत तेजगिरि को भी नोटिस भेजकर नौ जनवरी तक आरोपों के समर्थन में साक्ष्य उपलब्ध कराने की हिदायत दी है. इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा विभाग से परीक्षा केंद्रों के निर्धारण से जुड़ी पत्रावली व अन्य दस्तावेज भी मांगे गए हैं.महबूब अली पर परीक्षा केंद्रों के निर्धारण में वसूली व भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए लोकायुक्त के यहां यह शिकायत दाखिल की गयी है .