आखिरकार जागरण, मोतिहारी को भी शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़े की खबर छापनी ही पड़ी

पूर्वी चंपारण. आखिर सोशल साइट्स व मीडिया पोर्टलों की पहल रंग लाई. और जिले के दूसरे बड़े अखबार दैनिक जागरण, मोतिहारी को भी शिक्षक फर्जीवाड़े से संबंधित खबर छापनी ही पड़ी. दरअसल पिछले 26 अक्टूबर को हिन्दुस्तान, मोतिहारी ने जिले के हरसिद्धि प्रखंड में 26 नियोजित शिक्षकों की बहाली फर्जी प्रशिक्षण प्रमाण पत्र होने की ब्रेकिंग खबर संदिग्ध शिक्षकों के नाम के साथ चलाई थी. जिसका फौलो अप लगातार चार दिनों लगाया गया. यह खबर एक रोज पहले महुआ, ईटीवी व समय (बिहार-झारखण्ड) आदि न्यूज चैनलों ने भी स्क्राल में चलाया था. इस तथ्य का खुलासा हरसिद्धि के ही आरटीआई कार्यकर्ताओं चन्द्रेशवर सहनी व हरेश सहनी ने सूचना के अधिकार के तहत वाराणसी व इलाहाबाद के संबंधित संस्थानों से मिली अभिप्रमाणित जानकारी से हुई थी. इस बावत उचित कार्रवाई के लिए डीएम श्री धर सी के यहां भी जांच कर उचित कार्रवाई के लिया आवेदन दिया गया था. इसी आधार पर डीपीओ, स्थापना भूषण कुमार ने उन शिक्षकों के वेतन पर रोक लगाते हुए सात दिन के भीतर उनके प्रमाण पत्र की जांच करने का आदेश हरसिद्धि के बीईओ को दिया. फिर भी इतनी बड़ी खबर को अन्य अखबारों ने छापा ने नहीं प्रकाशित किया था. इसको लेकर स्थानीय पाठकों समेत सोशल साईट्स में भी काफी जगहंसाई हुई थी. उम्मीद है देर-सबेर यह खबर सरोकारी दैनिक प्रभात खबर भी चलाएगा. गौरतलब है कि बिहार में नियोजन वर्ष 2006-10 में बड़े पैमाने पर फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति हुई है.

मोतिहारी से एक पत्रकार की रिपोर्ट.

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