– कुलदीप सिंह राघव
पत्रकार वेद विलास उनियाल अपनी पुस्कत सुन मेरे बंधु में विभिन्न क्षेत्रों के १६ लोगों के संस्मरणों को बड़ी ही खूबसूरती और शालीनता के साथ प्रस्तुत किया है। किताब घर से प्रकाशित इस किताब में राजनीति, फिल्म संगीत, खेल, कला और पत्रकारिता के व्यक्तित्व शामिल हैं। वेद विलास उनियाल ने इन व्यक्तित्वों को देखा, समझा और महसूस किया, उनसे बातचीत की और पुस्तक के पन्नों पर उतारने का प्रयास किया है।
किताब को राजनीति से ताल्लुक रखने वाले मुलायम सिंह यादव, पहाड़ों से हेमवती नंदन बहुगुणा, नौशाद, निदा फाजली, रीना शक्तू, अभिनेता राजेश खन्ना, सुनील दत्त, प्रभाष जोशी, मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर, खैय्याम, रीना शक्तू, नरेंद्र सिंह नेगी, रवि और सितारा देवी के संस्मरण, झलकियां, जानकारियां और टिप्पणियां के माध्यम से रोचक और प्रभावी बनाने का प्रयास किया है। राजेश खन्ना के संस्मरणों को पढ़कर भावनात्मक एहसास मुझे हुआ। मैं सुपर स्टार की यादों में भावुक हो गया। इसके अलावा मुलायम सिंह पर उनके आलेख और हेमवती नंदन बहुगुणा के कई प्रसंगों से पता चलता है कि तब के नेता लोगों के बीच कितना रहते थे। नौशाद, खैय्याम और रवि के बहाने इसमें बीते दौर में फिल्म संगीत के स्वर्णिम दौर को याद किया है। सुनील गावस्कर को लेकर एक अध्याय में उनके क्रिकेट को याद किया है, वो दौर जब क्रिकेट बहुत रुझान से कमेंट्री में सुना जाता था। वेद विलास उनियाल प्रख्यात नृत्यांगना सितारा देवी से भी मिले हैं। उनके साथ मुलाकात के संस्मरण भी इस किताब में पढऩे को मिलेंगे। लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी के गीत- संगीत पर उनके सस्मरण उत्तराखंड की जीवन शैली और पहाड़ों से परिचय कराने के लिए पर्याप्त हैं।
वेद जी एक सुलझे हुए पत्रकार हैं। लगभग २० वर्षों के अपने कैरियर में उन्होंने कई वर्ष बंबई में भी काम किया है। वह जनसत्ता, दैनिक जागरण और अमर उजाला जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के लिए रिपोर्टिंग कर चुके हैं। वर्तमान में अमर उजाला के साथ जुड़े हैं। कई प्रमुख और महत्वपूर्ण विषयों पर उनके लेख और साक्षात्कार प्रकाशित होते हैं।