सुजीत ठमके

मीडिया जगत में शायद ही ऐसा कोई शख्स होगा जो मुंबई के वरिष्ठ टीवी पत्रकार रवि तिवारी के नाम से अनजान हो। शांत, शालीन, हंसमुख स्वभाव के रवि तिवारी को कोई अनजान आदमी भी फोन करता है तो उनके दायरे में जितना हो सके मदद, सहयोग करने की कोशिश करते हैं। हर पत्रकार के भीतर मानवीय संवेदना रहना जरुरी है। रवि तिवारी में ये गुण है। वे जमीनी हकीकत को बेहतर समझते हैं। डाउन – टू- अर्थ- हैं और यही रवि तिवारी की यूएसपी है।
वर्ष २००३-०४ की बात है। मेरे स्ट्रगल के दिन थे। मै नागपुर में लोकल टीवी चैनल में चीफ रिपोर्टर का काम करता था। मुझे लगा नागपुर से टीवी पत्रकारिता से शायद मै मेनस्ट्रीम जर्नलिज्म नहीं कर पाऊंगा। मैंने मुंबई का रुख किया। कई टीवी मीडिया हाउसेस के चक्कर काटे। जिंदगी चलाने के लिए के. सी. कॉलेज ( बॉम्बे कॉलेज ऑफ़ जर्नलिज़म चर्चगेट ) में पार्ट टाइम लेक्चरर की नौकरी शुरू की। छात्र सचिन चौधरी (जो आज भी इंडिया टीवी में मुंबई के संवाददाता है) ने मुझे कहा सर आप रवि तिवारी सर बात करिये सज्जन इंसान है। अनजान आदमी को भी सहयोग करते है। तब इंडिया टीवी लांच हुए कुछ महीने ही हुए थे। मेरा बसेरा आकाशवाणी विधायक निवास में था। २-३ महीने रवि तिवारी से लगातार संपर्क करता रहा। मैं एक अजनबी था। उनको कभी मिला नहीं था। किन्तु उन्होंने मुझे कहा। सुजीत भाई….. मुझे थोड़ो वक्त दो…. चैनल लांच हुए कुछ महीने ही हुए है। टेक्नीकल, नॉन- टेक्नीकल और काम का बोझ मुझ पर है। ३ माह बाद दोपहर लगभग 2.00 बजे मैंने रवि तिवारी को फोन किया। आवाज सुनते ही पहचान गए। सुजीत भाई….. आप एक काम करिये। इंडिया टीवी के मुंबई ऑफिस में आप ३ बजे के पहले बायो डाटा (सीवी ) लेकर पहुँचिये। ४.00 बजे मित्तल साहब की दिल्ली के लिए फ्लाइट है। मै तुरंत निकला। किन्तु चर्चगेट स्टेशन पर ही लोकल ट्रेन का इंतज़ार करते करते समय निकल गया। और इंडिया टीवी में काम करने का अवसर निकल गया। कुछ ही सप्ताह बाद मैने मुंबई छोड़ दी। और हैदराबाद इनाडु ग्रुप से जुड़ गया।
रवि तिवारी ने दो- एक चैनल को छोड़ कर सभी चैनल में अलग-अलग पदों पर काम किया है। मूल रूप से उत्तरप्रदेश से ताल्लुक रखते हैं लेकिन लम्बे समय से मुंबई के पत्रकारिता जगत से जुड़े हैं। उन्होंने ईनाडु टीवी के जरिये सैटेलाइट न्यूज़ चैनल में खबरों की दुनिया में कदम रखा।
न्यूज़ चैनलों की अपनी एक भाषा होती है। और इसी भाषा पर मजबूत पकड़ रवि तिवारी की है। खबर राजनीति से जुडी हो, अंडरवर्ल्ड, साम्प्रदायिक दंगे,खेल, ट्रेन ब्लास्ट या मुंबई के आतंकी हमले। रवि तिवारी खबर की तह तक जाते है। देश, दुनिया और प्रदेश के राजनीति के हर पड़ाव रवि तिवारी ने देखे है। इसीलिए राजनीति से जुडी हर छोटी बड़ी खबरों पर पैनी नजर रखते है। और खबर ब्रेक कर देते है। टीआरपी के टॉप ०५ चैनल में रिपोर्टिंग और प्रस्तुतीकरण करना कोई साधारण बात नहीं। और वो १० वर्ष पहले जब इंडिया टीवी, एनडीटीवी,सहारा जैसे न्यूज़ चैनल के बड़े प्लेयर है तब रिपोर्टिंग और प्रस्तुतिकर करना और भी मुश्किल था।
रवि तिवारी महाराष्ट्र के साथ साथ देश दुनिया की राजनीति और उठापठक से बेहतर वाकिफ है। रवि तिवारी ने एनडीटीवी जैसे ब्रांड पर कई बेहतर राजनीतिक फीचर प्रस्तुत किये। दर्शको ने रवि तिवारी के अनोखे, अद्भुत अंदाज के प्रस्तुतीकरण की काफी तारीफ़ की। न्यूज़ चैनल के दर्शको की सोच, मानसिकता को बेहतर समझ रवि तिवारी रखते है। वो कई देशो की सैर कर चुके है। वहा की राजनीति, लोकतंत्र, चुनाव आदि…. आदि भी कवर कर चुके है। टीवी पत्रकारिता में दिए योगदान और अनुभवों को वो अपने तक ही सीमित नहीं रखते। पत्रकारिता में करियर करने इच्छुक छात्रों को जमीनी स्तर पत्रकारिता और खबरों के बदलते मायनो की केमेस्ट्री भी समझते है। दरअसल राजनीतिक खबरों की बेहतर पकड़ और समझ रखने वाले मुंबई के वरिष्ठ टीवी पत्रकार रवि तिवारी वाकई जमीनी स्तर की सच्चाई समझने वाले होनहार रिपोर्टर है।