नरेंद्र मोदी देश के किसी भी कोने से चुनाव लड़ सकते हैं : राजनाथ सिंह

प्रेस रीलिज

न्यूज 24 के विशेष कार्यक्रम आमने सामने में अनुराधा प्रसाद (एडिटर इन चीफ) के साथ खास बातचीत में बीजेपी के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी देश के किसी भी कोने से चुनाव लड़ सकते हैं। अब ये फैसला नरेंद्र मोदी को करना है कि वो कहां से चुनाव लड़ना चाहते हैं। बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा है कि नरेंद्र मोदी बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार है और उनकी लोकप्रियता को देखते हुए अब ये मोदी को तय करना है कि वो कहां से चुनाव लड़ेंगे।

राजनाथ सिंह ने नरेंद्र मोदी के विवादास्पद बयान पहले शौचालय फिर देवालय पर मचे बवाल पर सफाई देते हुए कहा कि मोदी के बयान पर स्थिति साफ करना चाहता हूं,। देवालय आस्था का प्रतीक है और शौचालय मूल आवश्यकता है।

आमने – सामने में बातचीत के दौरान बीजेपी अध्यक्ष ने इस बात से इंकार किया कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल है। हालाकि राजनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार फिर से बनेगी और दिल्ली और राजस्थान में भी बीजेपी सरकार बनाने जा रही है। अगर राजनाथ की मानें तो अगले 5 राज्यों में से 4 राज्यों में बीजेपी की सरकार बनने जा रही है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि दिल्ली में बीजेपी के मुख्यमंत्री पद पर अंतिम फैसला बीजेपी पार्लियामेंटरी बोर्ड करेगी। राजनाथ से आमने – सामने में जब ये सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि “ हमनें रणनीति के तहत दिल्ली में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर फैसला नहीं लिया है। कई बार हम रणनीति के तहत फैसला लेते
हैं और कई बार नहीं लेते हैं। अरविंद केजरीवाल से जुड़े सवाल पर राजनाथ ने कहा कहीं कुछ नहीं है।

राजनाथ सिंह ने बीजेपी को सेकुलर और समाजवादी पार्टी और कांग्रेस को कम्युनल करा दिया। आमने – सामने में राजनाथ ने कहा कि बीजेपी सेक्युलर पार्टी है। कांग्रेस कम्युनल पार्टी है। कांग्रेस ने साम्प्रदायिक कटुता बढ़ाने का काम किया है। । बीजेपी इंसाफ और इंसानियत के आधार पर राजनीति करती है। मोदी के शासनकाल में गुजरात में एक दंगा हुआ। जबकि कांग्रेस के राज में सैकड़ों दंगे हुए। समाजवादी पार्टी अपने को सेकुलर कहती है। लेकिन जब जब इनकी सरकार आती है, यूपी में दंगे क्यों होते हैं।

मुजफ्फरनगर में बीजेपी विधायक पर दंगा भड़ाकने के आरोप में गिरफ्तारी पर राजनाथ ने कहा “दंगा भड़काने में बीजेपी के एमएलए का कोई हाथ नहीं है। समाजवादी सरकार अपना चेहरा छुपाने के लिए कुछ भी कर सकती है। सपा ने दंगे कराये, इनका काम देश की जनता के आंखों में धूल झोंकना है।

आमने – सामने में राजनाथ सिंह ने मोदी को देश का सबसे लोकप्रिय बताते हुए कहा कि देश में मोदी की लहर है। राजनाथ ने इस लहर की बदौलत लोकसभा चुनाव में अपने दम पर बहुमत हासिल करने का दावा किया। इस बार करिश्मा होने जा रहा है। जो पिछले चुनाव को देखते हुए आकलन कर रहे हैं,… वो चूक होगी। अपने दम पर इस बार हम 272 का आंकड़ा पार करेंगे।

राजनाथ ने कहा कि पार्टी सुशासन और विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि देश गंभीर सकंट के दौर से गुजर रहा। देश की जनता कांग्रेस से त्रस्त है, और कांग्रेस से निजात चाहती है। राजनाथ ने दावा किया कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पार्टी जीत हासिल करेगी।

आमने – सामने में राजनाथ सिंह ने मोदी – राजनाथ के जोड़ी के अटकलों पर भी सफाई पेश की। राजनाथ ने कहा कि “ नरेंद्र मोदी और मेरी कोई जोड़ी नहीं
है, मैं अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभा रहा हूं। आमने – सामने में अनुराधा प्रसाद के साथ बातचीत के दौरान राजनाथ सिंह ने जेडीय़ू पर लोहिया के सिधांतों से भटकने का आरोप लगाया। राजनाथ ने जेडीयू से अपील करते हुए कहा कि “ राममनोहर लोहिया और दीनदयाल उपाध्याय को वे ना भूलें, जिन्होंने हमेशा गैर कांग्रेसवाद की राजनीति की है। “

लोकसभा चुनाव बाद सहयोगी जुटाने के सवाल पर राजनाथ ने कहा कि हमारी पहली कोशिश होगी 272 का आंकड़ा अपने दम हासिल करने की। पर उन्होंने कहा कि
बीजेपी के लिए कोई अछूत नहीं है। जरुरत पड़ने पर पुराने सहयोगी जेडीयू के पास जाने से उन्होंने इंकार नहीं किया। लेकिन ममता बनर्जी के साथ किसी भी
समझौते से उन्होंने इंकार कर दिया। पर जयललिता के साथ रिश्तों को रणनीति का हिस्सा बताते हुए इसके बारे में कोई भी खुलासा करने से इंकार कर दिया।

नरेंद्र मोदी की ताजपोशी पर पार्टी के पितामह लालकृष्ण आडवाणी की नाराजगी पर राजनाथ ने कहा कि “ आडवाणीजी पार्टी के मार्गदर्शक हैं। वे हमारे नेता हैं, सरंक्षक है एनडीए को लेकर कोई भी फैसला लेने का अधिकार आडवाणीजी के ही पास है।

राजनाथ ने आडवाणी – मोदी के रिश्तों में कटास की बात को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि दूरियां रहती तो आडवाणीजी मोदी की तारीफ करते क्या?
बीजेपी को बहुमत नहीं मिलने की सूरत में सहयोगी जुटाने के लिए आडवाणी का नाम पीएम पद के लिए आगे करने के सवाल को राजनाथ ने काल्पनिक बनाया।
हालाकि उन्होंने खुद को पीएम पद के रेस से अलग करते हुए कहा कि ” मैं प्रधानमंत्री नहीं बनूंगा। कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है।”

आमने सामने में राजनाथ सिंह संघ को लेकर भी सफाई पेश की उन्होंने कहा कि ” बीजेपी आरएसएस ने कभी भी बीजेपी के कामकाज में दखल नहीं दिया। मैं भी
संघ से जुड़ा हूं। आरएसएस ने पार्टी पर कभी भी दवाब नहीं बनाया। कभी कभी हमलोग अपनी तरफ से उनके पास जाकर राय लेते हैं। संघ हमें सुझाव देता है। वो
स्वीकार्य होता है वो हम मानते हैं। ”

गाजियाबाद सीट के बदलने का कोई कारण नहीं है। लेकिन कई बार संसदीय बोर्ड फैसला बदल देता है।

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