बिहार में अपराध की घटनाएं पिछले कुछ समय से तेजी से बढे हैं. आये दिन कोई न कोई घटना घट रही है. अखबारों की सुर्खियाँ भी अब इसकी गवाही देने लगे हैं. इसी मुद्दे पर समाजसेवी ‘ब्रजेश कुमार’ लिखते हैं –
मुजफ्फरपुर में बेखौफ अपराधियों ने गुरुवार को 12 घंटे के अंदर दो व्यापारियों को भून डाला। कांटी में एक किताब दुकानदार को गोली मार दी। उसकी हालत चिंताजनक बनी हुई है। सुबह नौ बजे मिठनपुरा वीसी लेन में स्थानीय ठेकेदार अतुल शाही को उनके दरवाजे पर उनकी पत्नी के सामने ही अपराधियों ने एके-47 से भून दिया। जबकि आखाड़ाघाट में बिस्कुट डिस्ट्रीब्यूटर को अपराधियों ने रात में दुकान बंद कर घर जाते समय गोली मार दी।
हाल के दिनों में सूबे में आपराधिक घटनाओं में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है। एक घटना का मामला अभी सुलझता भी नहीं है कि दूसरी हो जा रही है। अपराधियों के दिलों में कानून-व्यवस्था का खौफ खत्म होता जा रहा है। एक ओर जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में सूबे की विकास की बात होती है, व्यापार को बढ़ावा देने की बात होती है तो दूसरी ओर सूबे में आये दिन कारोबारियों को टारगेट किया जा रहा है।
हमलोग युवाओ से बिहार में रोजगार स्वरोजगार करने के लिये प्रोत्साहित कर रहे है , मगर बिहार की कानून व्यवस्था सब कुछ पे पानी फेर दे रही है ।