पत्रकार अभिरंजन कुमार की किताब “बचपन की पचपन कविताएं” का लोकार्पण आज दिल्ली के आईटीओ स्थित हिन्दी भवन में शाम 5.30 बजे होने जा रहा है.
लोकार्पण समारोह में मशहूर समालोचक डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी के साथ ही हिन्दी बाल साहित्य के दिग्गजों श्री प्रकाश मनु (Prakash Manu), श्री बालस्वरूप राही , श्री योगेंद्र कुमार लल्ला, श्री शेरजंग गर्ग, श्री दिविक रमेश (Divik Rameshh) और श्री रमेश तैलंग (Ramesh Tailang) समेत कई मशहूर लेखक और पत्रकार शामिल होंगे।
अभिरंजन कुमार कार्यक्रम की सूचना देते हुए एफबी पर लिखते हैं :
दोस्तो, जिसका मुझे था इंतज़ार, वो घड़ी आ गई… आ गई… आ गई… 31 जनवरी 2014 को मेरे तीसरे कविता संग्रह “बचपन की पचपन कविताएं” का लोकार्पण होने जा रहा है। दिल्ली के आईटीओ स्थित हिन्दी भवन में। शाम 5.30 बजे जलपान और 6 बजे लोकार्पण।
लोकार्पण समारोह में मशहूर समालोचक डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी के साथ ही हिन्दी बाल साहित्य के दिग्गजों श्री प्रकाश मनु (Prakash Manu), श्री बालस्वरूप राही , श्री योगेंद्र कुमार लल्ला, श्री शेरजंग गर्ग, श्री दिविक रमेश (Divik Rameshh) और श्री रमेश तैलंग (Ramesh Tailang) समेत कई मशहूर लेखक और पत्रकार शामिल होंगे।
इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आप सबको सादर आमंत्रित करता हूं। यह निमंत्रण न सिर्फ़ मेरे घनिष्ठ मित्रों, शुभचिंतकों, भाइयों-बहनों और बच्चों के लिए है, बल्कि उन फेसबुकिया मित्रों के लिए भी है, जिनसे कभी मुलाक़ात भले न हुई हो, लेकिन जो मेरे हृदय में छपे हुए हैं।
आपको यह जानकर संतोष होगा कि यह किताब मैंने देश के वंचित और बेसहारा बच्चों को समर्पित की है और इससे प्राप्त होने वाली रॉयल्टी का आधा हिस्सा भी इन्हीं बच्चों के लिए ख़र्च करने का फ़ैसला किया है।
बच्चों की 55 कविताओं से लैस इस हार्ड बाउन्ड किताब में कुल 84 पृष्ठ हैं और हर पृष्ठ रंगीन व ख़ूबसूरत चित्रों से सुसज्जित है। साथ ही बच्चों की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए इसमें बेहतरीन व टिकाऊ काग़ज़ का इस्तेमाल किया गया है। कविताओं के बारे में अपने मुंह मियां मिट्ठू बनना उचित नहीं है, लेकिन उम्मीद करता हूं कि किताब आपको ज़रूर पसंद आएगी।