प्रेस विज्ञप्ति
रायपुर . विश्व जनसँख्या दिवस २०१४ (११ जुलाई) के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी मे आमंत्रित वक्ताओ ने एक स्वर मे कहा कि आबादी के अनियंत्रित विस्फोट को रोके बिना धरती का विकास असंभव है यदि इसे समय रहते नहीं रोका गया तों इसके इसके घातक परिणाम होंगे.
राजधानी के वृन्दावन सभागार मे आयोजित इस संगोष्ठी मे पर्यावरण ऊर्जा टाईम्स और रोटरी क्लब ऑफ रायपुर ईस्ट के संयुक्त तत्वाधान मे सभी वक्ताओ ने जनसँख्या के विस्तार को विभिन्न समस्याओ का मूल कारण बताया.
राज्य हिंदी ग्रन्थ अकादमी के संचालक रमेश नैय्यर ने कहा कि बढाती जनसँख्या के कारण संसंधानो का संकट विकराल होने लगा है इसी कड़ी मे साहित्यकार गिरीश पंकज ने कहा कि श्रेष्ठ मनुष्य का निर्माण ही इस समस्या का समाधान है. वहीँ वनस्पति शास्त्र के विशेषज्ञ डाक्टर एम एल नायक ने माल्थस के सिद्धांत को याद करते हुए कहा कि उसने आज से ६०० साल पहले ही जनसँख्या नियंत्रण की चेतावनी दी थी.
विज्ञान और प्रोद्योगिकी परिषद के अध्यक्ष प्रो मुकुंद हम्बर्दे ने बताया कि जनसँख्या नियंत्रण केवल सरकारी तौर पर नहीं हो सकता. वही वरिष्ठ रंगकर्मी मिर्जा मसूद ने इस बात पर जोर दिया कि जनसँख्या का सम्बन्ध समूचे पर्यावरण से है.
विषय की प्रस्तावना रखते हुए पर्यावरण ऊर्जा टाईम्स के संपादक ने कहा कि जनसँख्या नियंत्रण के बिना विकास के जो सपने दिखाए जा रहें है वे जल्द ही नकली साबित होंगे.
कार्यक्रम का संचालन रोटरी क्लब ऑफ रायपुर के मनमोहन अग्रवाल ने किया. कार्यक्रम का संचालन और आभार प्रदर्शन जीतेन्द्र अग्रवाल ने किया. इस अवसर पर राजधानी के बुद्धिजीवी और साहित्यकार उपस्थित थे.