#jlf2015 के खिलाफ उसका स्पॉन्सर ज़ी टीवी
ज़ी न्यूज़ की संवाददाता का कहना है कि जयपुर लिट् फेस्ट में इतनी भीड़ होती है कि हमलोग भी अंदर नहीं जा पाते. ऐसा कहकर वो घर में बैठे हम जैसे को ये समझाना चाहती हैं कि जब हमारी हैसियत नहीं है जो कि इसके टाइटल स्पॉन्सर है तो आप यहाँ आकर क्या करोगे?
तो ये कि आप यहाँ आकर सिर कुटाने से बेहतर है कि आप आप अपने घर में आराम से बैठो और यहाँ जो लोग आकर अपनी बात रख रहे हैं,हम उनके साथ अलग से प्राइवेट डिस्कशन कर रहे हैं, आप उसे आराम से देखो.
जाहिर है ऐसा करके ज़ी न्यूज़ और उनके संवाददाता अपनी हैसियत और टाइटल स्पॉन्सर होने का मतलब हमें समझ रहे हैं कि हम jlf पैनल से अलग परिचर्चा करा रहे हैं,भले ही पैनलिस्ट अपनी वही बात क्यों न रिपीट करें..लेकिन इस हैसियत दिखाने में jlf का बेडा किस तरह से गर्क हो रहा है,ये बात हवाबाजी कर रहे एंकर को समझ नहीं आ रहा..वहां जानेवाले लोग तो एक बार ज़रूर सोचेंगे कि जब टाइटल स्पॉन्सर ही भीड़ को नेगेटिव करके बता रहे हों तो फिर जाने का क्या लाभ..
दिलचस्प है कि एक तरफ ये एंकर jlf ले सेशन में अंदर घुस तक नहीं पाते लेकिन दूसरी तरफ अलग से सेशन करते हैं. स्पॉन्सर होने का जलवा और सामान्य संवाददाता होने की बिडम्बना.#during जयपुर