ज़ी जिंदल ब्लैकमेलिंग प्रकरण और तिहाड़ी संपादक की वजह से ज़ी न्यूज़ में आजकल पतझड़ का मौसम चल रहा है और बसंत की वापसी के कोई संकेत नहीं दिख रहे.
एक के बाद एक तुरुप के पत्ते ज़ी न्यूज़ की साख को छोड़कर पलायन कर रहा है. कोई सहारा प्रणाम कर रहा है तो कोई इंडिया टीवी को सलाम.
कहने का मतलब है कि ज़ी न्यूज़ की पतझड़ की वजह से दूसरे चैनलों में बसंत का मौसम आ गया. ऐसे भी न्यूज़ इंडस्ट्री के दिन आजकल अच्छे चल रहे हैं. नौकरियों की बहार आयी हुई है. नए – नए चैनलों की वजह से आवजाही तेज हो गयी है.
इसी क्रम में ज़ी न्यूज़ के पतझड़ से टूटे तीन पत्ते राजीव रंजन, दीप उपाध्याय और मोहित शंकर अब इंडिया टीवी में हरियाली फैलायेंगे. इन तीनों की स्थिति इंडिया टीवी में कमोबेश वैसी ही होगी जैसी कि ज़ी न्यूज़ में थी. तीनों को दलाली वाले चैनल से तमाशा चैनल में जाने की बधाई और भविष्य के लिए शुभकामनाएं.