असग़र वजाहत,वरिष्ठ साहित्यकार-
पिछले आम चुनाव में बीजेपी के ‘सबका साथ सबका विकास’ आदि आकर्षक नारों का मुलम्मा यूपी चुनाव (2017) में उतर चुका है। किसी भी मुस्लिम उम्मीदवार को इलेक्शन में भजपा का टिकट न देने का सीधा संदेश है कि भजपा भारत की राजनीति मे मुस्लिम उपस्थिति को कोई महत्व नहीं देती।
दूसरी ओर यह दावा कि मुसलमानों ने भी बीजेपी को वोट दिया है बीजेपी की सोच , कि मुसलमान BJP को समर्थन देने के लिए विवश है पर BJP को उनकी किसी प्रकार की आवश्यकता नहीं है, दर्शाता है। यह भी कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल में किसी मुस्लिम को रखा जाएगा ताकि वह मुसलमानों की भावनाओं का प्रतिनिधित्व कर सके। यह भी साफ़ इशारा है कि भजपा मुसलमानों को लोकतंत्र में अपनी मर्जी से जितना चाहेगी उतना हिस्सा देगी।
योगी जी को CM बनाने की वजह यह है कि चुनाव में जिस हिंदुत्ववादी सोच के कारण BJP को जीत मिली है उसके प्रतीक योगी जी है । हिंदूवादी बहुमत के तुष्टिकरण और साम्प्रदायिकता बढ़ाने के लिए योगी जी को CM बनाना ज़रूरी था।
(लेखक के फेसबुक वॉल से साभार)