इंडिया टीवी के मैनेजिंग एडिटर अजीत अंजुम द्वारा योगी आदित्यनाथ के इंटरव्यू पर आयी एक प्रतिक्रिया –
योगी आदित्यनाथ का इंटरव्यू इंडिया टीवी पर देखा … मुझे समझ नहीं आया कि अजीत जी जैसे वरिष्ठ पत्रकार उनसे क्या पूछ रहे थे … हमारे पत्रकार एक भगवा देखते ही पागलों की तरह सिर्फ धर्म और कौमी उंन्माद के सवालों को ही प्राथमिकता क्यों देने लगते हैं ? और आरोप उनपर कि आप कौमी उंन्माद फैला रहें हैं … अजीत जी पांच बार से निर्वाचित उस सांसद से आपने एक भी सवाल विकास का नहीं किया, आप एक सवाल ये नहीं पूछ पाये कि पिछले बीस- पच्चीस साल में उन्होंने अपने क्षेत्र में क्या किया ? बस घूम फिरकर आपका एक सूत्री एजेंडा था धर्म … क्या आपको नहीं लगता कि अपरोक्ष रूप से इन बातों को बार-बार छेड़कर पत्रकार वर्ग भी इन उन्नमदों को दुबारा से उकसाने में उतने ही ज़िम्मेदार हैं … ईमानदारी से कहूं पूरे इंटरव्यू में आप सिर्फ आरोप लगाते ही दिखे एक भी जबाब ढंग का नहीं ले पाये … और वो आदमी बड़ी आसानी से आपके हर सवाल का व्यबहारिक जबाब दे गया …
वैसे आप बड़े पत्रकार हैं मेरी सलाह मानेंगे नहीं फिर कभी समय मिले तो आँख मूंदकर एक बार आत्ममंथन कीजिये की क्या कारण है कि भगवा देखते ही हर पत्रकार उसकी खिलाफत में पूरी ताकत लगा देता है … क्यों आज हर पत्रकार को किसी भी दंगे में गुनहगार भगवा ही दिखता है … सिर्फ इसलिए कि भगवा को मानने वाले ज्यादा हैं … योगी आदित्यनाथ बेशक गलत हो सकते हैं लेकिन पूरी कौम नहीं … जैसे एक आध दलाल पत्रकारों के कारण पूरी बिरादरी को गलत नहीं कहा जा सकता … सो अगली बार हमें फक्र महसूस होगा अगर योगी से इंटरव्यू करते वक्त आप उसे धर्म का मैसेंजर न मानकर लोगों के प्रतिनिधि के रूप में सवाल पूछें … और लोगों के हित के लिए उसे खूब धोएं … वरना आज की तरह ही अगला इंटरव्यू भी निरर्थक होगा … और आप जैसे अच्छे पत्रकार भी वही सवाल पूछते रहेंगे जो योगी जैसे नेता चाहते हैं कि उनसे सार्वजानिक मंच पर पूछा जाए, ताकि बिना मेहनत उनके सन्देश लोगों के कान में पहुँच जाये … बांकी आप ज्यादा समझदार हैं, आपको टैग करने के लिए माफी चाहता हूँ
(के.मनीष सिंह के फेसबुक वॉल से साभार)