दीपक शर्मा
ग्लानिर भवति भारत:
इसमें कोई संदेह नही कि मोदी भक्तों का वर्चस्व सोशल मीडिया में तेज़ी से बढ़ा है. इसमें भी कोई संदेह नही कि इन भक्तो की भीड़ किसी भी “मोदी विरोधी” को चारों तरफ से घेर कर फेसबुक पर दौड़ा लेती है.
मुख्यधारा की मीडिया के कई बड़े पत्रकार, अखबारों के संपादक और टीवी एंकर इन्ही भक्तों की भेंट चढ़ गये है. वामपंथी और समाजवादी लेखकों ने भक्तों से बचने के लिए या तो अपना अलग समाज बना लिया है या फिर भक्तों को ढूंढ ढूंढ कर ब्लाक कर दिया है.
मुझे भक्तों से डर नही लगता. मुझे वामपंथियों, समाजवादियों से भी परहेज़ नही है. मुझे ओवैसी बंधुओं से लेकर तोगड़िया ब्रिगेड से भी परहेज़ नही है. मुझे परहेज़ उन हिन्दुस्तानियों से है जो मुद्दों से भटक रहे हैं. जो उस विवाद और मुद्दों में उलझ रहे हैं जिसका देश के आगे बढ़ने से कोई लेना देना नही है.
आज देश में कोई ऐसी ब्लाक बस्टर फिल्म क्यूँ नही बन रही जो भारत और चीन की प्रतिस्पर्धा को परदे पर उतारे. क्या इन दो देशों के बीच इतिहास की सबसे बड़ी दौड़ किसी फिल्म का प्लाट नही हो सकती है ? कहाँ खो गये मनोज कुमार ?
आज देश में कोई ऐसी मीडिया का जन्म क्यूँ नही हो रहा जो भ्रष्टाचार के बड़े मामलों से भिड कर देश को जागृत कर दे ? कहाँ है अरुण शोरी और रामनाथ गोयनका ?
आज देश में कोई ऐसी सिविल सोसाइटी राम लीला मैदान में क्यूँ नही जुट रही जो क्रोनी कैपिटलिज्म के खिलाफ जन आन्दोलन छेड़ दे ? कहाँ छुप गये अन्ना ? कहाँ है किरण बेदी ?
आज देश की सबसे बड़ी पार्टी और सबसे बड़े स्वयं सेवक संगठन में कोई एक भी ये कहने की हिम्मत क्यूँ नही जुटा पा रहा कि मोदी जी अडानी नही सबको साथ लेकर चलो ? स्मृति इरानी को किस योग्यता के आधार पर राजपाठ सौंपा है आपने ? कहाँ है अडवाणी , कहाँ है जोशी, कहाँ है सर संघ चालक ? मोदी के सही फैसलों का समर्थन करिए पर मोदी अगर कोई काम अपने मन ढंग से कर रहे हैं तो विरोध होना चाहिए ?
मित्रों देश का लक्ष्य एक ही है …चीन से आगे बढ़ना . इसलिए मुद्दे वही उठाईये जो देश को आगे बढ़ाएं. @fb