उ.प्र.चुनाव के दौरान कई दिग्गज पत्रकार भविष्यवक्ता के रूप में भी नज़र आये. राजदीप सरदेसाई से लेकर प्रणय रॉय तक ने भविष्यवाणी कर दी. इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश उर्मिल लिखते हैं –
उर्मिलेश उर्मिल –
कुछ संपादकों सहित कई पत्रकार और गैर-पत्रकार मित्रों ने बीते दो-तीन दिन के दौरान मुझसे पूछा, ‘ यूपी पर क्या आब्जवे॓शन है आपका? किसकी सरकार बन न रही है?’ मैंने सबसे एक ही बात कही कि कांटे के त्रिकोणीय मुकाबले में इस वक्त जब मतदान अभी बाकी है, किसी एक की जीत और दो की हार की भविष्यवाणी करने का मतलब होगा किसी एक के पक्ष में माहौल बनाने की मुहिम में शामिल होना। बहुत सारे मशहूर संपादक और पत्रकार गण पहले से इस मुहिम में जुटे हुए हैं। न मेरी ऐसी कोई विवशता है और न ही इस तरह की पत्रकारिता में मेरा कभी यकीन रहा है। फिर मैं क्यों ऐसा करूं? लेकिन 9 मार्च की शाम को जरूर अपना आब्जवे॓शन और संभावित नतीजे पर अपना विचार रखूंगा। अभी सिर्फ यही कहना श्रेयस्कर होगा कि लड़ाई वाकई त्रिकोणीय है। कौन जाने, बाजी कौन मारेगा!
UP का चुनाव त्रिकोणीय कहाँ था? सीधा-सीधा एकपक्षीय था. ये पत्रकार बनते हैं निष्पक्ष लेकिन दिल से हैं बी.जे.पी. के कट्टर विरोधी. सिर्फ और सिर्फ इसी योग्यता के कारण राज्यसभा टी.वी. में लाया गया. इसी योग्यता के कारण राज्यसभा से निकाला भी गया.