काठमांडू, फ़रवरी 20। नेपाल में चीन के खिलाफ हो रहे आन्दोलन ने चीन को नाक में दम कर दिया है। अभी हाल ही में एक तिब्बती गोप्चे ने प्रसिद्ध बौद्धनाथ मंदिर के परिसर में खुद को पेट्रोल छिड़क कर आत्मदाह करने के मामला शांत नहीं हुआ है कि तिब्बत से आई एक खबर से सनसनी फ़ैल गयी है। बताया जाता है कि आने वाले दिनों में कम-से-कम 30 से भी ज्यादा तिब्बती नेपाल में आत्मदाह को तैयार हैं।
‘इसी साल मार्च से अपने कार्यकाल शुरू करने वाले चीन के राष्ट्रपति सी जीनपिङ और नेपाल के लिए आनेवाले नए चीन के राजदूत को थ्रेट देने के लिए ही काठमांडू में तिब्बती युवा तेंदुप गोप्चे को आत्मदाह करवाया गया।’ नेपाल स्थित चीनी दूतावास ने नेपाली पक्ष से कहा। अनुसंधानकर्ताओं के हवाले से कहा गया टिप्पणी में चीनी दूतावास ने दावा किया कि गोप्चे की आत्मदाह भारत के हिमांचल प्रदेश स्थित धर्मशाला से योजनाबद्ध था। नेपाल के राजनीति में प्रत्यक्ष भूमिका अदा कर रहे पश्चिमी देश और भारतीय पक्ष के साथ और सहयोग से ऐसा घिनौना हरकत का अंजाम दिए जाने समझ चीन ने बनाई है।
बताया गया है कि नेपाल के दलीय व्यवस्था ख़त्म कर के निर्दलीय शासन शुरुआत की अभ्यास होना और चीन की विपक्ष में इस तरह की घटना को एक ही नज़र से देखने के लिए भी चीनी पक्ष ने नेपाल के सुरक्षा अधिकारियों को सलाह दिया । नेपाल पुलिस ने तिब्बतियों के इस तरह के घटना के पूर्व जानकारी होते हुए भी घटना को रोकने की प्रयत्न नहीं करने का आरोप चीनी पक्ष ने लगाया है। गौरतलब है, 13 फरवरी को तिब्बती गोप्चे ने नेपाल पुलिस के सामने खुद को आग लगाया था। उसे तत्काल नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन गोप्चे ने अगले ही दिन 14 यानी फरवरी को दम तोड़ दिया था।
अंतर्राष्ट्रीय समाचार एजेंसियों को जानकारी मुहैया करवाकर अंजाम दिया गया इस घटना की लाइव तस्वीर सिर्फ़ एएफ़पी की और से जारी की गई थी। चीन की आशंका है कि इस तरह की घटना की फोटो खींचने के लिए पत्रकार को बुलवाना घटना की सुनियोजित होने की पुष्टि करता है। चीनी दूतावास के एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है की इस आत्मदाह की खबर से विद्रोही तिब्बती उत्साहित हैं और उन्हें और ज़्यादा आत्मदाह की घटना को अंजाम देने के लिए प्रशिक्षण करवाया जा रहा है। इस के लिए हिमाचल प्रदेश की धर्मशाला से 30 असाध्य और दीर्घ मरीज़ तिब्बतियों को बतौर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
नेपाल में पहली बार इस तरह स्वतंत्र तिब्बत के पक्ष में वकालत करते हुए आत्मदाह हुआ है। ऐसे घटना से वर्तमान बाबुराम भट्टराई की सरकार भी अपने ख़ास पडोसी देश चीन से सम्बन्ध न बिगड़े इस के लिए हालात पर आँख लगाया हुआ है। बताया जाता है कि इस के लिए नेपाल सरकार से भारत से सटे अपने बॉर्डर एरिया से नेपाल प्रवेश करनेवाले सभी तिब्बती पर निगरानी और उनकी हर जानकारी लिखकर रखने की अपने सुरक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है।
(काठ्मांडू से प्रल्हाद गिरी की रिपोर्ट)