एशियन लिटरेरी सोसाइटी ने 23 अक्टूबर 2020 को बड़ी धूमधाम से तृतीय एशियन लिटरेरी कंफ्लुएंस का आयोजन किया। मुख्य अतिथि सुश्री मीनाक्षी नटराजन (प्रख्यात लेखिका और पूर्व संसद सदस्या) ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। श्री मनोज कृष्णन (लेखक और संस्थापक, एशियन लिटरेरी सोसाइटी) ने 2020 के दौरान संस्था द्वारा किए गए कार्यक्रमों की जानकारी दी।
उन्होंने वार्षिक वर्डस्मिथ अवार्ड्स, सागर मेमोरियल अवार्ड, गीतेश बिवा मेमोरियल अवार्ड और फ़ोटोग्राफ़ी प्रतियोगिता के विजेताओं के नामों की भी घोषणा की। इस अवसर पर डॉ. परीक्षित सिंह (प्रख्यात कवि और संस्थापक, एक्सेस हेल्थ केयर फिजिशियन, यूएसए) और श्री सुदर्शन कचेरी (सीईओ, ऑथर्सप्रेस) के साथ श्रोताओं को रु-ब-रु होने का मौका मिला।
इस सम्मलेन में कविता पाठ के एक सत्र भी आयोजित किया गया जिसमें देश-विदेश के 25 से अधिक कवियों ने अपनी कविताएँ प्रस्तुत की।शाम के सत्रों के दौरान साहित्य और कला के क्षेत्र के कई हस्तियों ने भाग लिया।
डॉ. अमरेन्द्र खटुआ (पूर्व सचिव, एमईए), श्री कुमार विक्रम (संपादक, नेशनल बुक ट्रस्ट), और डॉ. ए .जे. थॉमस (अतिथि संपादक, साहित्य अकादमी) ने भारत में एशियाई साहित्य को लोकप्रिय बनाने के बारे में अपने विचार व्यक्त किए।
प्रख्यात हिंदी कवि डॉ. ओम निश्चल और डॉ. लक्ष्मी शंकर बाजपेयी ने सोशल मीडिया के युग में हिंदी साहित्य के बदलते स्वरुप विषय पर श्रोताओं को सम्बोधित किया ।
मॉडर्न इंग्लिश लिटरेचर में फेमिज्म पर हुई चर्चा में श्री युयुत्सु शर्मा (प्रख्यात कवि, नेपाल), सुश्री संथिनी गोविंदन (प्रख्यात लेखिका) और सुश्री मंदिरा घोष (कोषाध्यक्ष, कविता सोसाइटी, इंडिया) पैनलिस्ट थीं।
जानी-मानी लेखिकाएं सुश्री अमृता भल्ला, सुश्री बीना पिल्लई और सुश्री मीना मिश्रा ने दक्षिण एशियाई साहित्य और भारतीय सिनेमा पर हुई चर्चा में भाग लिया।
मशहूर हिंदी कवयित्री सुश्री ममता किरण, सुश्री रेणु हुसैन और सुप्रसिद्ध लेखिका डॉ. कमल कुमार ने हिंदी भाषा और साहित्य पर अपने विचार व्यक्त किए।
जानी-मानी कलाकार सुश्री लिप्पी परीदा और मशहूर फ़ोटोग्राफ़र श्री रोहित सूरी ने “द आर्ट ऑफ़ फ़ोटोग्राफ़ी” जैसे दिलचस्प विषय पर कलाप्रेमियों को सम्बोधित किया।
सम्मलेन के इन सत्रों का संचालन सुश्री अनिता चंद (प्रशासिका, एएलएस), डॉ. अपर्णा बागवे (प्रशासिका, एएलएस), सुश्री किरण बाबल (राजदूत, एएलएस), डॉ. स्वास्ति धर (सम्पादिका, जेएएसीएल), सुश्री निशा टंडन (लेखिका एवं कवयित्री), और सुश्री पूनम कंवल (लेखिका एवं कवयित्री) ने किया।
कोरोनावायरस महामारी के मद्देनज़र इस बार यह वार्षिक सम्मलेन ऑनलाइन आयोजित की गई थी जिसे सभी प्रतिभागियों और दर्शकों से बेहद सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली।