अज्ञात कुमार
टाटा स्टील द्वारा हाल ही में चाईबासा में मीडिया कर्मियों के बीच करायी गयी एक मैत्री फुटबॉल प्रतियोगिता अब अमैत्री फुटबॉल प्रतियोगिता बन गयी है. कंपनी के पब्लिक रिलेशन डिपार्टमेंट में बैठे कुछ कर्मचारियों की वजह से ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है. यहां फुटबॉल प्रतियोगिता कराने के लिए कुछ ही मीडिया हाउस को आमंत्रित किया गया जबकि कुछ मीडिया हाउस को इसकी जानकारी तक नहीं होने दी जिसके कारण यहां कुछ मीडियाकर्मियों में आक्रोश व्याप्त हो गया है.
प्रतियोगिता को लेकर मीडियाकर्मी दो खेमों में बंटे हुए नजर आने लगे हैं, और इसके पीछे कंपनी के पीआरडी में बैठे कर्मचारियों द्वारा किया गया कारनामा है. झारखंड के सबसे पुराने अखबारों को तथा इलेक्ट्राॅनिक मीडियाकर्मियों को यहां जिस प्रकार से तवज्जो नहीं दी गयी है, इसको लेकर पूरे शहर में चर्चा भी है. लोगों का तो यहां तक कहना है कि कंपनी के पब्लिक रिलेशन डिपार्टमेंट लोग कुछ मीडिया हाउस तक सीमित रह गये हैं. जबकि कंपनी का उददेश्य सभी मीडिया हाउस के कर्मियों के लिए यह आयोजन करना था.
टीम के गठन में भी जिस प्रकार की अनदेखी की गयी है, वह भी किसी के गले नहीं उतर रहे. कुछ मीडिया हाउसों को इसकी सूचना तक नहीं दी गयी है. तमाम चीजों को देखकर ऐसा कयास लगाया जा रहा है कंपनी द्वारा मीडिया हाउसों के लिए आयोजित कार्यक्रम का लाभ कुछ चुनिंदा मीडिया हाउस तक ही पहुंचाने की साजिश रची गयी है. शायद यही कारण है कि कुछ मीडिया हाउस को इसकी भनक तक नहीं लगने दी गयी. इस संदर्भ में मीडियाकर्मियों ने ईमेल के माध्यम से टाटा स्टील के मुंबई , कोलकाता और जमशेदपुर के अधिकारियो को इस साजिश की सुचना दे दी है .
अब देखना है है हमेशा से ही सभी को साथ ले कर चलने वाला टाटा स्टील प्रबन्धन अपने पब्लिक रिलेशन डिपार्टमेंट के कर्मचारियों पर कार्रवाई करता है या नहीं?