अतिरिक्त! ये जब सुधीर चौधरी तेको बार-बार इग्नोर कर रहा है..तो भी तू पिछले 10 मिनट से हाथ क्यों उठाये जा रहा है? रहने न दे,कौन सा एक सवाल कर देगा तो वो तेको सत्य का ज्ञान मिल जायेगा..तू जो उससे पूछना चाहता है, तुझे पहले से पता है,क्या जवाब देगा..फिर भी.
रिक्तिका! मैं सुधीर चौधरी से कोई सवाल पूछने के लिए हाथ नहीं उठा रहा..मुझे पता है वो pm के अगले मीडिया सलाहकार होने जा रहे हैं..मैं तो बस उनकी गलत दलील कंडेम्न करना चाह रहा हूँ.
आगे की बात बाद में बोल लियो, पहले ये तो बता,तेको कैसे पता वो pm के मीडिया adviser होने जा रहे हैं? मैं भी तो उसी नोएडा फ़िल्म सिटी में रहती हूँ..मेको तो नहीं पता चला.
रिक्तिका! सारी बातें गॉशिप जानने से पता नहीं चलती..कई चीजें आदत नोटिस करने से पता लग जाती है..याद कर मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार को..तुमने देखा होगा, बनने से पहले रोज ट्वीट ठेलते जिनमे नियम से पाई चार्ट और टेबल होते,किसी भी सेमिनार में जाते तो उसे ही पिघलाकर ऑडिएन्स को खतरनाक तरीके से बोर करते..फिर क्या,हो गए मीडिया सलाहकार.
तुम नोटिस नहीं कर रही हो,बात हो रही है जमाना हमसे है यानी हिंदी के दम पर हम कहाँ तक पहुंचे और ये साहब 2012 के बासी डेटा ठेले जा रहे हैं..पॉइंट ये है कि मीडिया का जो भी बड़ा चेहरा अपनी सारी बात आंकड़े में करने लगे,बस समझ लो..वो लोकतंत्र की पीपीटी बनाने की प्रैक्टिस कर रहा है..मीडिया के धंधे में रहकर भी फिक्की की जिंदगी जी रहा है.
मतलब सुधीर चौधरी इज गोइंग टू बी पीएम मीडिया adviser ?
हाँ रिक्तिका.
#लप्रेक ड्यूरिंग jlf 2015
(जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल सेप्रेरित ‘लप्रेक’)