आज लगभग सभी अखबारों ने क्रायोजनिक इंजन के सहारे GSLV D5 के लॉन्च की खबर को पेज-1 पर प्रमुखता दी है. Times of India ने तो अंदर एक पूरा पेज दिया है, जो पढ़ने लायक है. पता नहीं हिन्दी टीवी चैनल्स में शाम की मीटिंग में क्या होता है??!!! अरे भाई, मोदी और केजरीवाल फिनॉमिना से भी कभी बाहर निकलेंगे आप??!! मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि अगर क्रायोजनिक इंजन, इसे बनाने को लेकर भारत का संघर्ष, वैज्ञानिकों की मेहनत-लगन, 20 साल का लम्बा इंतजार, प्रयोग के दौरान हाथ लगी असफलताएं, उपजी निराशा लेकिन फिर भी वैज्ञानिकों का दृढ़ संकल्प कि हम इसे बनाकर रहेंगे और फिर वह ऐतिहासिक दिन, जब भारत अपने बलबूते पर क्रायोजेनिक इंजन के माध्यम से भारी सेटलाइट दागकर दुनिया के चुनिंदा देशों में शामिल हो गया, अगर ये सब करीने से बताकर आधे घंटे का स्पेशल शो भी हिन्दी टीवी चैनल वाले चला देते, तो जबरदस्त टीआरपी आती. कौन नहीं जानना चाहेगा कि ये क्रायोजनिक इंजन क्या बला है और हमने इसे कैसे बनाया??!! इसके क्या फायदे होंगे और देश-हमारी वैज्ञानिक सोच-दशा-दिशा पर इसके क्या दूरगामी असर पड़ेंगे??!!
अरे, अगर बॉस नहीं सोच रहा है तो आप बताइए ना!! जिद करिए ना!! एक्सपेरिमेंट करिए ना. शब्दों की बाजीगरी दिखा के रटा-रटाया केजरीवाल और मोदी बनाना-चलाना आसान तो है लेकिन मजा आपको भी नहीं आता होगा इसे लिखने-बनाने में. कोई नया एंगल भी नहीं देते इसमें??!! एक दर्शक के तौर पर इसमें नया क्या है जो मैं केजरीवाल और मोदी पर आपका आधे घंटे का शो देखूं??!!
और हां, ये सोना वाले बाबा संत शोभन सरकार की आजकस सुधि नहीं ले रहे आप लोग??!! भूल गए क्या उनको?? और भारत की बेटी देव्यानी पर भी कुछ नहीं दिखा रहे, अमेरिका ने इतना ‘अपमान’ किया था, मुद्दे को आसानी से भुला दिया है, क्यों भाई?? और वो तरुण तेजपाल अंदर क्या गए, उन्हें भी गायब कर दिया टीवी स्क्रीन से. हां, आसाराम और नारायण साईं पर आज भी भूले-भटके आपकी नजर पड़ जाती है. जाइए, पता लगाइए कि पीआर और विज्ञापन पर बिना एक पाई लगाए सोना वाले बाबा संत शोभन सरकार की जो आपने नैशनल-इंटरनैशनल इमेज बनाई है, उसे चमकाया है, आपके अनवरत कवरेज और डिबेट के बाद संत शोभन सरकार के चेलों की संख्या कितनी बढ़ी है, उनका प्रतिदिन का चढ़ावा-चंदा कितना बढ़ा है, कितने और राजनेता-खिलाड़ी उनके नए भक्त बने हैं???!!! और उनका जो भदेस चेला सोना ना मिलने पर खुद को फांसी पर लटका दिए जाने की बात करता था, उससे सवाल पूछिए कि एएसआई वाले बोरिया-बिस्तर समेट कर चले गए. अब आप ही यहां खुदाी करवा दो ना. जो सोना मिलेगा, उसके एक अंशमात्र से खुदाई का खर्चा-मजूरी निकल आएगी. क्यों नहीं आप लोग ही खुदाई करवा लेते हैं.
तमाशा बनाकर, देश को बुड़बक बनाकर निकल लिए आप लोग. वाह जी. यही पत्रकारिता है. मॉडर्न पत्रकारिता. मुद्दा चुनो, उठाओ, रगड़ कर चलाओ, चूस लो और फिर दूध से मक्खी की तरह निकाल कर फेंक दो. कुछ तो फॉलोअप करिए जनाब. सोना के बहाने देश की जनता में अंधविश्वास भरने वाले ऐसे बाबाओं को या तो आप तवज्जो ना दो और अगर दिया है, तो फिर उनका पर्दाफाश भी करो ना. सिर्फ आसाराम का ही पर्दाफाश होगा क्या. शोभन सरकार का क्यों नहीं होगा???!!! पता लगवाइए कि कानून की धाराओं में शोभन सरकार और उनके चेले के खिलाफ कौन-कौन सा मामला बनता है?? उन्हें भी गिरफ्तार करवाइए ताकि आगे से कोई भी साधु बाबा-संत ऐसा खिलवाड़ और दावा करने से पहले सौ बार सोचे.