सोशल मीडिया के विज्ञापनों पर चुनाव आयोग की टेढ़ी नज़र

राजनीतिक दलों द्वारा आगामी लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए टिवटर और फेसबुक जैसी सोशल साइट के इस्तेमाल के बीच चुनाव आयोग ने बुधवार को ऐसे मंचों पर राजनीतिक विज्ञापनों के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किये, जिनमें सोशल मीडिया पर चुनाव प्रचार से जुड़ी कोई भी सामग्री अपलोड करने से पहले आयोग से पूर्व प्रमाणन हासिल करना शामिल है।

चुनाव आयोग ने सोशल साइटस से यह भी कहा है कि वह राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा विज्ञापनों पर किये जाने वाले खर्च का लेखा जोखा रखें ताकि चुनाव आयोग द्वारा मांगे जाने पर वह इसे प्रस्तुत कर सकें।

आयोग ने सोशल साइटों को अलग से पत्र लिखकर उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा है कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान उनकी साइट पर पेश की जाने वाली सामग्री गैरकानूनी या दुर्भावनापूर्ण या चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने वाला न हो।

पत्र में यह भी कहा गया है कि पेड न्यूज की समस्या से निपटने के चुनाव आयोग के व्यापक प्रयास के रूप में सोशल मीडिया के लिए ये दिशानिर्देश जारी किये गये हैं। सभी प्रमुख राजनीतिक दल अपनी प्रचार रणनीति के हिस्से के रूप में और खासतौर पर युवा मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए सोशल साइट का इस्तेमाल कर रहे हैं। दिल्ली में हाल में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी ने अपने लिए समर्थन हासिल करने के लिए बड़े पैमाने पर टिवटर और फेसबुक का इस्तेमाल किया था ।

(एजेंसी-हिन्दुस्तान)

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