अभी दो दिन पहले तक भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को जी भर-भर के कोसने वाले एंकर और रिपोर्टर आज टोटल स्यापा के मूड में हैं. आजतक पर श्वेता सिंह तो इतनी उदास थी कि धोनी की खबर पढते-पढते धोनी के लिए उनकी उदासी चेहरे पर साफ़ दिख रही थी. अगले बुलेटिन में भी आयी तो कह रही थी कि कहाँ से शुरू करे समझ में नहीं आता. शायद धोनी भी एक वक्त के बाद इतने उदास नहीं होंगे जितनी टोटल स्यापा के मूड में श्वेता सिंह नज़र आयी.
और श्वेता सिंह ही क्यों कई और चैनलों के एंकर-रिपोर्टर भी कुछ ऐसे ही जता रहे थे. दरअसल हमेशा ब्रेकिंग न्यूज़ देने वाले न्यूज़ चैनलों को आज महेंद्र सिंह धौनी ने ब्रेकिंग न्यूज़ दे दी और वो भी ऐसे अंदाज़ में कि चैनल के एंकर – रिपोर्टर बस गश खाकर गिरने से ही बचे होंगे.उन्हें भान तक नहीं था कि ऐसा कुछ हो भी सकता है. वे तो तरह-तरह की स्टोरी का ताना-बाना बुन रहे होंगे. धौनी को गरियाने के लिए नए-नए शब्द,स्लग-एस्टन और हेडलाइन ढूँढ रहे होंगे.
लेकिन धौनी के अकस्मात संन्यास के बाउंसर ने तमाम टीवी पत्रकारों (स्पोर्ट्स) को क्लीन बोल्ड कर दिया. इस बाउंसर का जवाब किसी के पास नहीं था.टीवी चैनल के इन एंकर और रिपोर्टर को दर्द इस बात है कि धौनी ने स्टोरी और पैकेज बना कर सजा कर रखने का मौका तक न दिया. बता देते कि टेस्ट मैच को अलविदा कहने वाले हैं तो क्या-क्या स्टोरीज करते. लेकिन दिल के अरमान दिल में ही रह गए. ठीक से भाई लोग न खबर चला सके और न खबरों का तड़का लगा सके. कभी अलविदा ना कहना का गीत भी नहीं चला सके .
कैप्टन कूल इतने कूल कि भनक तक नहीं लगने दी. न्यूज़ चैनलों को शायद दुःख इसी बात की. धौनी के ऐसे संन्यास लेने से कितनी ख़बरों का कबाड़ा हो गया. तो समझ गए ना, धौनी के नाम पर चैनलों के स्यापे को..कैप्टन कूल टी20 और वनडे से संन्यास लेते समय ऐसा मत कीजियेगा. पेट पर लात मत मारो कैप्टन कूल.
इसी संबंध मेंएफबी पर आयी दो प्रतिक्रियाएं –
अमिताभ श्रीवास्तव
दो दिन पहले तक तमाम न्यूज़ चैनल, ख़ास कर हिंदी वाले , धोनी को जम कर धोने में जुटे थे और आज जब उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट ले लिया तो सब उन्हें महान बताने और उनकी तारीफ़ों के पुल बाँधने में जुट गये। अरे भई वो वन डे, 20-20,वर्ल्ड कप तो खेलना जारी रखेंगे फ़िलहाल। इतना स्यापा क्यों है भाई?
राजीव रंजन झा
धोनी ने टेस्ट से संन्यास ले लिया तो चैनलों पर उनकी सफलताओं की गाथा चल रही है। बताया जा रहा है कि धोनी कितने बेहतरीन रणनीतिकार रहे हैं, मैच जिताऊ खिलाड़ी और कप्तान रहे हैं। संन्यास नहीं लिया होता तो विशेषज्ञों से बहस हो रही होती कि धोनी को कब ढोया जाये…