27 जून को दिन –भर मीडिया खबर डॉट के कॉन्क्लेव में मुद्दों से अलग हटकर चिरकुट टाईप का डिबेट हुआ। किसी तरह पूरे नौटंकी को झेल पाया । सोशल मीडिया की प्रोडक्ट कहे जाने पर Shazia Ilmi क्यों तिलमिला उठी?
बार-बार डिफेंसिव मूड में दिख रही थी, खैर जो भी हो ऐसा पहली बार हुआ कि टेलीविजन एंकर की दरगाह को छोड़कर, महज छ:महीने के अपने राजनीतिक सफर में ही शाजिया, नेता और मीडिया के गठजोर के क्षणभंगूर समीकरण को समझ चुकी है।
बहरहाल Shazia Ilmi शाजिया, जब आप अन्ना टीम के साथ रामलीला मैदान में धरणा पर बैठी हुई थी, उस समय इसी मीडिया ने दिन-रात आपको लाईव दिखाया था ….कुछ हीं दिन में आप, आप पार्टी के प्रवक्ता भी बन गई और अब मीडिया पर नहीं दिखाने को लेकर आरोप भी लगाया ।
आपका आरोप कुछ हद तक सही भी है लेकिन Shazia Ilmi आप खुद टेलीविजन एंकर रही हैं। बार-बार मंच से नेता और मीडिया के बीच के संबंधों को मुकतिबोध की कविता की तरह विश्लेषण करने की आपके पास वह कौन सी मजबूरी थी .जिससे..आप बुनियादी सवालों का जबाब न देकर अपने कैरियर की रामकहानी कहने लगी।
दरअसल आप दोनों हाथों से लड्डू खाना चाहती हैं। टेलिविजन के ग्लैमर का उपयोग करके, जुम्मा-जुम्मा आठ दिन के राजनीतिक कैरियर को भी ठीक से पचाने के लिए आपको न्यूज चैनलों के बाईट की जरुरत क्यों महसूस हो रही है।
आपके बेहतर राजनीतिक कैरियर की ढ़ेर सारी शुभकामनाएं……..
(Akhilesh Kumar के फेसबुक वॉल से साभार)