शाहरुख के बेहूदे सवालों ने रजत शर्मा की अदालत का सत्यानाश कर दिया

आप की अदालत का जश्न और रजत शर्मा से सवाल करते शाहरुख
आप की अदालत का जश्न और रजत शर्मा से सवाल करते शाहरुख

वेद विलास उनियाल

देखा आपकी अदालत के 21 साल पूरे होने पर एक शो

[Best_Wordpress_Gallery id=”8″ gal_title=”Rajat Sharma,editor-in-chief,india tv,aap ki adalt celebration”]

आपकी अदालत को 21 साल पूरे हुए। आपकी अदालत को बधाई।

बेशक आपकी अदालत को इसका जश्न मनाना ही चाहिए था। टीवी पर इस अवसर पर एक कार्यक्रम को बहुत उत्सुक्ता से देखा।
मगर

1- इस आयोजन में स्क्रिप्ट में बेहद फूहडता दिखी।
शाहरुख खान सलमान खान की घटिया फूहड़, सवाद , बेहूदा तोलियां डांस यह सब आज के हल्के सस्ते टीवी शो जैसे थे। वह भी तब जबकि सामने देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री बैठे हों। हम आपके लिए गिफ्ट में तौलियां लाएं हैं, या आइए रजत जी इस लुंगी पर नाच कीजिए। शाहरूख यही कर सकता था। कम से कम राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम में आ रहे हैं, क्या कहना हैं किस तरह कहना है, यह ध्यान में रखा जाना चाहिए था। इसमें शालीनता होनी चाहिए थी। हसी मजाक का अर्थ फूहड़ता नहीं। सस्ते संवाद नहीं।

2- रजत शर्मा को कठघरे में खड़ा कर प्रश्न भी पूछे तो फूहडता से भरे। कुछ अच्छे सवाल इस मौके पर होते। बेशक सवालों में कुछ हसी मजाक भी होती, पर सवल पूछने वाला कौन था ,,, शाहरूख। बेहूदे सवाल। कार्यक्रम का सत्यानाश कर दिया।

3- एक आयोजन और उसके 21 साल। हेमामालिनी का तो अपना गौरवमयी सफर है। पर सोनाक्षी सिन्हा ने अभी क्या हासिल कर लिया है। उसके पास एक ही बात होती है खामोश। कब तक बिकेगा ये शब्द। अगर नए टेलेंट के रूप में उससे कुछ कहने के लिए कहा गया था तो संजीदगी से कुछ रोचक बातें बतानी चाहिए थी। मगर खामोश।

4- तारीफ खूब हुई रजतजी के आपकी अदालत की। लोग इसे बहुत रुझान से देखते भी है। बहुत शानदार मौका था कि रजतजी इससे जुड़े कुछ रोचक प्रसंग बताते। कार्यक्रम की उस टीम से भी परिचय कराया जाता जो उनकी मदद करती है। कोई भी काम वन मैन शो नहीं होता। अमिताभ को भी सलीम खान और कल्याणजी आनंदजी की जरूरत पड़ती है।

5- अधिकांश समय तीन खानों ने ले लिया। क्या भारत केवल इन तीन खानों तक सीमित है। हम लड़ते हैं। हम एक हैं। हम एक दूसरे को विश करते हैं। क्या हर यही सुनना रह गया है देश के लोगों को। इन बातों की आपकी अदालत के इस आयोजन में क्या जरूरत थी।

6- रजतजी को इस सफर के बारे में बताना चाहिए था। शुरू के दिन कैसे थे, आज 21 साल बाद कार्यक्रम को किस तरह देखते हैं। प्रश्न किस तरह तैयार किए जाते हैं। किसी सेलिब्रिटी से जुड़ा रोचक प्रसंग सुनाया जा सकता है। किसी राजनेता पर चुटीली बात बताई जा सकती थी। मगर यह आयोजन बस हैप्पी हैप्पी था। आपकी अदालत का यह आयोजन फिल्मी या टीवी स्क्रिप्ट से बाहर नहीं जा सका।

आशा है पच्चीस साल पूरे होने पर रजतजी एक शानदार आयोजन करेंगे। एक अच्छे कार्यक्रम के पच्चीस साल पूरे होने पर शानदार, रोचक मनोरंजन से भरपूर, गरिमापूर्ण कार्यक्रम। रजतजी हमें उस दिन का इंतजार है। चार साल ही तो बाकी है।

@FB

[socialpoll id=”2235164″]

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.