सजायाफ्ता मुजरिमों को ‘दैनिक जागरण’ का सलाम
ख़बरों का मर्म आप उसके शीर्षक से समझ सकते हैं.इसलिए ख़बरों का शीर्षक चुनते वक्त संपादक बड़ी सावधानी बरतता है और सोंच-विचारकर ही शीर्षक देता है.लेकिन दैनिक जागरण के मुजफ्फरपुर संपादक को इन बातों से कोई मतलब नहीं या फिर शैक्षिक रूप से वे इतने सक्षम नहीं.इसलिए सजायाफ्ता मुजरिम को इतनी इज्जत बख्श रहे हैं.संपादक के शहाबुद्दीन प्रेम को आप भी देखिए. (मॉडरेटर)
मनीष ठाकुर
बिहार में दैनिक जागरण की पत्रकारिता का स्तर देखिये। तेजाब से नहला कर हत्या, अपहरण और लॉ डिग्री घोटाले जैसे बेहद गंभीर मामलों में अभियुक्त की अदालत में पेशी की खबर को ऐसे छापा , मानो महामहिम पूर्व सांसद मुजफ्फरपुर का उद्धार करने आ रहे है। जागरण के मुजफ्फरपुर संस्करण का हैडिंग देखिये । जिसकी अदालत में प्रोडक्सन वारंट पर पेशी है उसके लिए लिखा जा रहा है..’.आज मुजफ्फरपुर आ सकते हैं शहाबुद्दीन’। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। सवाल अहम यह है कि इसमें सम्पादक की नियत ख़राब है या उसे खबर की तमीज नहीं है। बिहार में शिक्षा घोटाला ही नहीं इस स्तर की पत्रकारिता भी संदेह के घेरे में है। (एक जागरूक पाठक)