अभय सिंह
“मेरे पिता को पाकिस्तान ने नहीं युद्ध ने मारा” ये बोल किसी शहीद की बेटी के नहीं हो सकते शायद उनको कारगिल शहीद सौरभ कालिया के पिता से जरूर सीखने की जरूरत है।कारगिल युद्ध के दौरान उनके बेटे के शव को पाकिस्तानी सैनिको ने वीभत्स तरीके से क्षत विक्षत कर दिया था।आज वो पिता पाकिस्तान कृत्यों के खिलाफ देश और यूएन में गुहार लगा रहा है की उसके बेटे को न्याय मिले।
अजब संयोग है की आज दिल्ली में भारत की बर्बादी के नारे लगाने वालो का कारगिल शहीद की बेटी समर्थन करती है कैम्पेन चलाती है
।क्या प्रचार पाने के लिए लोग इस हद तक गिर सकते है ये विचारणीय है।
उग्रपंथ, वामपंथ के इतर हमें अपने संविधान के मूल कर्तव्यों को फिर से याद करना होगा एवं राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करना होगा।