वर्ल्ड कप क्रिकेट के सेमीफाइनल में आस्ट्रेलिया के हाथों भारत की हार के बाद मीडिया के दृष्टिकोण से आईआईएमसी में शिक्षक नदीम एस.अख्तर की एक त्वरित टिप्पणी
नदीम एस.अख्तर
जाते-जाते एक बात और. हिन्दी के जो स्वनामधन्य चैनल मैच से पहले जीतने के लिए यज्ञ-पूजा-पाठ-दुआ-ढकोसले-तमाशे दिखा रहे थे, उनको अब ये भी दिखाना चाहिए कि लोग कैसे छाती पीट-पीटकर मातम मना रहे हैं. कितनों ने तो पीट-पीटकर अपनी छाती से खून निकाल लिया होगा…वो सब आज के पैकेज में चलने चाहिए.. क्यों, है कि नहीं ??!!
दरअसल हर मैच से पहले ये यज्ञ और पूजा-पाठ प्रायोजित किए जाते हैं. रिपोर्टर-स्ट्रिंगर की सेटिंग से ये सब आयोजित होते हैं और उन्हें शूट करके हेडऑफिस भेज दिया जाता है. फिर स्टूडियो में बैठा “क्रिएटिव” प्रोड्यूसर मिर्च-मसाला लगाकर स्क्रिप्ट लिखता है, विजुअल लगाता है और माहौल-समां बांधता है.
लेकिन जब हार होती है तो टीम के ये सारे तथाकथित शुभचिंतक अचानक से गायब हो जाते हैं. बस आनन-फानन में कुछ लोगों की बाइट चलाकर मामला दफन कर दिया जाता है. इस बार तो हद ये भी हो गई कि RED FM नामक एक रेडियो स्टेशन ने टीम इंडिया की हार-जीत को अंधविश्वास से जोड़ दिया और खूब प्रचार किया कि अगर आपके बाप-दादा-मां में से कोई भी पनौती है यानी अशुभ है, तो उसका नाम बताओ, हमें बताओ. हम उसको जलील करेंगे, तुम्हारे बाप को, तुम्हारे दादा को सरेआम जलील करेंगे. बस तुम नाम बताओ ताकि उसे जलील कर हम मैच के दिन उसे टीवी से दूर रखेंगे ताकि हमारी टीम जीत सके.
आश्चर्य तो ये हुआ कि अंधविश्वास का ये खेल खुलेआम चला और किसी ने भी फूं-फां नहीं की. जबकि लाइसेंस शर्तों के अनुसार (मेरी जानकारी के मुताबिक) अंधविश्वास फैलाने में अहम योगदान देने वाले RED FM रेडियो स्टेशन का लाइसेंस कैसल होना चाहिए, उस पर जुर्माना लगना चाहिए, ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि आगे से कोई भी रेडियो स्टेशन या टीवी चैनल सिर्फ मसखरी या TRP के लिए ऐसे प्रोग्राम-ऐड बनाने-चलाने से पहले सौ बार सोचें.
वैसे पता लगाइए कि ये RED FM का मालिक और स्टेशन चलाने के कर्ताधर्ता कौन हैं. और ये भी कि कहीं उन्होंने भी आज का मैच नहीं ना देखा??!! अगर देखा हो तो उनके कहे अनुसार क्यों ना उन्हें ही -पनौती- मानकर और आज टीम इंडिया की हार की जिम्मेदार बताते हुए ये देश उन्हें सख्त से सख्त सजा दे.