राँची में पत्रकार बने भिक्षुक, लाइन लगाकर लिया गिफ्ट
मुख्यमंत्री आवास में गिफ्ट (डायरी, कैलेंडर) लेने के लिए पत्रकारों की लाइन लग गयी।
आज शुक्रवार (11 जनवरी 2013) को अर्जुन मुंडा ने अपने सरकारी आवास में पत्रकारों को प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए बुलाया था।
वहां खाने-पीने के साथ ही पत्रकारों के लिए गिफ्ट का भी इंतेजाम था। गिफ्ट एक मारूति वैन में लाया गया, तो पत्रकार उस वैन पर टूट पड़े।
यह तमाशा देखकर वहां के व्यवस्थापकों ने कहा कि आप लोग लाइन लगा के लीजिए।
इस पर पत्रकार मान गये और लाइन में खड़े होकर गिफ्ट लिया।
(सौजन्य – नदीम अख्तर)
इस खबर को पढकर मीडिया विश्लेषक विनीत कुमार टिप्पणी करते हुए लिखते हैं कि आप तस्वीर में जो लाइन देख रहे हैं वो लाल कार्डधारी या राशन कार्ड से रिआयती दर पर मिलनेवाले मिट्टी तेल, गेहूं और चीनी के इंतजार के लिए नहीं है. ये तस्वीर है रांची के उन पत्रकारों की जिन्हें झारखंड के मुख्यमंत्री आवास में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उपहार लेने के लिए बुलाया गया था. लिहाजा गिफ्ट देखकर पत्रकार आपस में मारामारी करने लगे जैसा कि हम आमतौर पर पार्टियों में भटूरे या गर्म तंदूरी रोटी के लिए किया करते हैं. लिहाजा प्रबंधन ने उन्हें लाइन में लगकर गिफ्ट लेने को कहा और ये लग भी गए. इस उपहार में कोई मंहगी चीज भी नहीं थी, वही नए साल की डायरी,कलम और इन्हीं आसपास की कीमतों की चीजें. इस घटना की व्याख्या पर चाहें तो दो तरीके से कर सकते हैं- एक तो वहां के पत्रकारों की दयनीय स्थिति पर अफसोस जाहिर करके उनके प्रति सहानुभूति रख सकते हैं और दूसरा ये भी कि जब इन अदना चीजों के लिए इस हालत में आ जाते हैं तो बाकी फायदे के लिए पता नहीं क्या करते होंगे ? ऐसे में वो बेखौफ और प्रशासन को लेकर कितनी तटस्थ रिपोर्टिंग करते होंगे, पता नहीं.