दिल्ली. बिहार की गौरवशाली इतिहास और समृद्ध संस्कृति रही है. हमें बिहारी अस्मिता के साथ-साथ अपनी सांस्कृतिक विरासत को भी सहेज कर रखने की जरूरत है. इंडिया न्यूज़ के प्रबंध संपादक और वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत ने दिल्ली में आयोजित बिहार प्रतिभा सम्मान में ये बाते कहीं.
बिहारी प्रतिभाओं के सम्मान में आयोजित समारोह में उन्होंनें कहा कि बिहार शिक्षा, राजनीति और अध्यात्म का केंद्र रहा है लेकिन कई कारणों से पिछले कुछ समय से पिछड़ रहा है. यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उसे पुनर्त्थान में अपना योगदान दें.
उन्होंने कहा कि अनेक महत्वपूर्ण पदों और उपलब्धियों को पाने के बाद भी बिहारी होने के कारण अपनी पहचान को छिपाते हैं और उसे बताने में शर्माते हैं. मगर दूसरे राज्यों के लोग ऐसा नहीं करते. इसलिए हमें जरूरत है अपनी पहचान और बिहारी अस्मिता को पुरजोर तरीके से बिहार के बाहर प्रदर्शित करने की.
उनके इस वक्तव्य पर सभागार में खूब तालियाँ भी बजी. लेकिन एक प्रश्न भी उठा. मीडिया खबर डॉट कॉम के संपादक पुष्कर पुष्प ने प्रश्न पूछा कि मीडिया में बिहारी संपादकों की बड़ी संख्या होने के बावजूद बिहार के नकरात्मक ख़बरों पर अखबार और खासकर न्यूज़ चैनलों का ज़ोर क्यों रहता है. टॉपर घोटाले की खबर जिस तरीके से दिखाई जाती है वैसे यूपीएससी में उतीर्ण विद्यार्थियों की खबर नहीं दिखाई जाती है.
इसका जवाब देते हुए राणा यशवंत ने कहा कि ऐसा नहीं है हम सकरात्मक खबर भी दिखाते हैं. मसलन सुपर 30 जैसी सकरात्मक ख़बरें भी चैनलों पर चलती है.
इस मौके पर यूपीएससी परीक्षा में उतीर्ण कई अभ्यर्थियों समेत खेल, गायन, कृषि आदि क्षेत्रों में उलेखनीय योगदान देने वाले बिहारी प्रतिभाओं को सम्मानित भी किया गया.
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