अभय सिंह,दर्शक-
अगर कोई पत्रकार खुलेआम पक्षपात पर उतर आये तो जनता को अपना मुँह जरूर खोलना पड़ता है. आज तक के पत्रकार राहुल कँवल कुछ ऐसा ही कर रहे हैं. पत्रकारिता की मर्यादाओं को तोड़ते हुए वे समाजवादी पार्टी का झंडा उठाये खड़े हैं. हाल का उनका अखिलेश यादव का सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू भी उसी की बानगी पेश करता है जिसमें इंटरव्यू के बहाने अखिलेश और उनके काम का महिमामंडन करने की कोशिश की गयी है. वैसे भी सबसे तेज चैनल का दम भरने वाला ‘आजतक’ जिस तेजी से पेड न्यूज़ करता है,उसके बारे में कुछ कहने की जरूरत नहीं.पूरा देश जानता है. दिल्ली और बिहार चुनाव के समय आजतक पर दर्शक ये नज़ारा देख चुका है. बिहार चुनाव के समय चैनल ने ग्राउंड रिपोर्टिंग के बजाये अपने स्क्रीन पर भाजपा का परचम फहराए रखा.लेकिन अंततः वहां भाजपा का क्या हाल हुआ, इससे सब अवगत हैं. लेकिन चैनल ने अब भी उससे कोई सीख नहीं ली और उ.प्र. चुनाव में बहुजन समाज पार्टी और मायवती को नज़रअंदाज़ करके वही गलती कर रही है. आजतक अपने स्क्रीन पर जो तस्वीर पेश कर रहा है , उ.प्र. की तस्वीर उससे उलट है. दरअसल उ.प्र. में भाजपा की सीधी टक्कर बसपा से है लेकिन आजतक बसपा के बजाये सपा को प्रोजेक्ट करने में दिलोजान से लगी है और इसी एजेंडा को पूरा करने में राहुल कँवल जैसे पत्रकार दिन-रात लगे हुआ हैं.लेकिन 11मार्च को परिणाम आने के बाद राहुल कँवल की पत्रकारिता पर प्रश्नचिन्ह लगेगा, तब ये सवाल जरूर उठेगा कि राहुल कँवल किस पार्टी का झंडा थामेंगे.