(सत्यानंद निरुपम )-
पीएमओ के मुताबिक पीएम कभी छुट्टी नहीं लेते। रविवार को भी काम करते हैं। प्रेरणादायी खबर है यह तो देशवासियों के लिए। कितनी अच्छी बात है! गाँधी जी ने कहा था- इस देश में हर व्यक्ति को कम से कम आठ घंटे काम करना ही चाहिए। यह और भी अच्छी बात है कि छुट्टी के रोज भी काम करना चाहिए, ऊपर से कोई छुट्टी भी नहीं लेनी चाहिए।
अब एक जिज्ञासा है। जब हम अपने घर का काम या दफ्तर से बाहर का कोई भी काम करने के लिए दफ्तर से बाहर होते हैं, तब हमारी छुट्टी लग जाती है। प्रधानमंत्री जी जब शनिवार के रोज अपनी माँ से मिलने के लिए सितम्बर में गुजरात गए, तब क्या उस रोज उनके अवकाश का दिन था? वह महीने का तीसरा शनिवार था।
जब भारत के प्रधानमंत्री जी भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करने बार-बार विभिन्न राज्यों में जाते रहे हैं, तब क्या वह भी भारत सरकार का काम होता है? क्या पार्टी का काम करना भारत सरकार का काम करना होता है? उसके लिए अवकाश की जरूरत नहीं होती?
क्या मेरे गाँव के मंगरू मिसिर जो कि भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता हैं और एक सरकारी दफ्तर में सेकंड क्लास अधिकारी हैं, भाजपा की रैली के लिए कार्यकर्ता जुटाने खातिर एक रोज अपने दफ्तर से गायब रहें तो उनको भी सीएल लेने की जरूरत नहीं?
नियम क्या कहता है? देश के प्रधानमंत्री को पार्टी के प्रचार के लिए अपने कार्यालय से अवकाश की जरूरत क्यों नहीं होनी चाहिए? जानकार मार्गदर्शन करें।
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