हीरेंद्र झा,सहायक संपादक, आधी आबादी
दिल्ली चुनाव के अप्रत्याशित नतीज़ों को सबने अपने-अपने तरीके से भुनाया. कई पत्रकार ऐसे हैं जिनका आम आदमी पार्टी से एक भावनात्मक जुड़ाव जगज़ाहिर है. पुण्य प्रसून उनमें एक हैं. कई मौकों पर प्रसून जी ने आम आदमी पार्टी के पक्ष में अखबारों तक में लम्बे लेख भी लिखे.
पिछली बार जब केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने थे तब पुण्य प्रसून के साथ उनका एक बहु चर्चित इंटरव्यू भी आया था. जिसमें उन पर इंटरव्यू को फिक्स करने के आरोप भी लगे थे. उस इंटरव्यू में ऑफ द रिकॉर्ड लेकिन ऑन द कैमरा बातचीत के दौरान प्रसून जी का एक जुमला ” क्रांतिकारी, बहुत ही क्रांतिकारी” काफी लोकप्रिय हो गया था. जो ट्विटर पर भी ट्रेंड करता रहा था.
कल जब दस्तक में पुण्य प्रसून प्रकट हुए तो स्क्रीन पर यही चस्पा था. ” क्रांतिकारी, बहुत ही क्रांतिकारी “. उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा भी कि ये लाइन देखकर आपको बहुत कुछ याद हो गया होगा. लेकिन, जल्द ही वे बात सँभालते हुए उन वजहों को गिनाने लगे कि ये नतीजे आखिर क्यों क्रांतिकारी है?
खैर, उन्होंने अपने शो में ” क्रांतिकारी बहुत ही क्रांतिकारी बैकड्रॉप” दिखा कर शायद उन तमाम लोगों को एक जवाब देने की कोशिश की है जिन्होंने उस इंटरव्यू में दिखे इस जुमले पर जम कर चुटकुलेबाजी की थी. उस इंटरव्यू में क्रांतिकारी क्या था ये तो नहीं मालूम लेकिन कल का नतीजा ”क्रांतिकारी बहुत ही क्रांतिकारी था ”इसमें शायद ही किसी को कोई संदेह हो.