विवेक कुमार सिन्हा
समस्तीपुर।बिहार में सर्कुलेशन एवं लोकप्रियता में नंबर 1 पोजीशन पर काबिज हिन्दी दैनिक ‘हिन्दुस्तान’ के समस्तीपुर कार्यालय के अंदरखाने की स्थिति इन दिनों कुछ ठीकठाक नहीं चल रही है। है। मनमानी और व्यक्त्ति विशेष की स्वार्थ सिद्धि हेतु कई निर्णय ऐसे लिये जा रहे हैं जिससे कई स्थानों पर ‘हिन्दुस्तान’ अपने प्रतिद्वंदी ‘प्रभात खबर’ से पीछे छूट गया है। ऐसी बात नहीं है कि प्रबंधन को अपनी कमजोरी का पता नहीं है लेकिन 20 प्रखंड वाले बिहार के इस प्रमुख जिले को चलाने के लिए उसे कोई मजबूत चेहरा नहीं मिल पा रहा है। इस कार्यालय में विवाद की शुरूआत सतीश मिश्रा के आगमन के साथ ही शुरू हो गई थी। बाद में प्रबंधन ने उन्हें मुजफ्फरपुर मुख्यालय बुलाकर मोहन कुमार मंगलम को ब्यूरो प्रमुख के पद पर आसीन कराया लेकिन स्थिति सुधरने के बजाये बिगड़ती ही चली गई। लेकिन मुजफ्फरपुर यूनिट के संपादक आदरणीय संजय कटियार जी ने समय रहते बदहाल होती जा रही स्थिति को भांपते हुए मधुबनी के ब्यूरो प्रभारी ब्रजमोहन मिश्रा को पिछले 11 सितम्बर को अपने साथ समस्तीपुर लाकर यहां की बागडोर फिर से उन्हें सौंप दी। बता दें कि ब्रज मोहन मिश्रा पूर्व के दिनों में भी समस्तीपुर के ब्यूरो प्रभारी रह चुके हैं। इनके स्थानान्तरण के बाद सतीश मिश्रा फिर बाद में मोहन कुमार मंगलम ब्यूरो प्रभारी बने थे लेकिन प्रबंधन की उम्मीदों पर खड़ा नहीं उतर सके और वापस मुख्यालय बुला लिये गये।
वर्तमान ब्यूरो प्रभारी ब्रजमोहन मिश्रा कर्मठ एवं उर्जावान पत्रकार हैं लेकिन अंदरखाने से खबर मिल रही है कि इन्हें पूर्व से बने सिस्टम से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पा रहा है। कार्यालय में दो से तीन महत्वपूर्ण लोग ऐसे बैठे हैं जो जिस थाली में खा रहे हैं उसी में छेद भी कर रहे हैं। वे दो-तीन लोग प्रतिस्पर्धी जागरण एवं प्रभात खबर के खुफिया एजेंट के रूप में कार्यरत हैं। उनके द्वारा ब्यूरो प्रमुख एवं प्रबंधन को जो भी सलाह या सुझाव दिये जा रहे हैं वह हिन्दुस्तान के लिए ‘मीठे जहर’ के समान है। यहां ‘एच एम वी एल’ के हित में बता देना आवश्यक है कि समस्तीपुर जिला उत्तर बिहार एवं मिथिलांचल की प्रमुख राजनीतिक स्थली है और इस जिले में हिन्दुस्तान पिछले कई दशक से नंबर 1 की पोजीशन पर बरकरार है लेकिन हाल के दिनों में जिले के कई स्थानों (ब्लाॅक एवं अनुमंडल मुख्यालय) पर ‘हिन्दुस्तान’ अब अपने प्रतिद्वंदी ’प्रभात खबर’ से पीछे छूट चुका है। इसका कारण आॅफिस में व्याप्त गुटबाजी एवं खेमेबाजी बताया जा रहा है। जिले में धीरे-धीर ‘दैनिक भास्कर’ की दस्तक भी तेज होती चली जा रही है। खबर मिली है कि भाष्कर ग्रुप जर्बदस्त तैयारी के साथ इस जिले की कमान एक तेज तर्रार युवा पत्रकार को सौंपने की तैयारी कर रखी है जिसकी चर्चा इन दिनों हिन्दुस्तान समेत दैनिक जागरण एवं प्रभात खबर के कार्यालय में जोर-शोर से हो रही है। वैसे हिन्दुस्तान के नये ब्यूरो प्रभारी ब्रजमोहन मिश्रा ही समस्तीपुर में भाष्कर ग्रुप को तगड़ी चुनौती दे सकते हैं कुछ इसी तरह की सोच के साथ प्रबंधन ने इन्हें समस्तीपुर में फिर से बैठाया है…… इस बात की भी स्थानीय मीडिया जगत में खूब चर्चा होती है।
रोसड़ा शहर समस्तीपुर जिले का चर्चित एवं महत्वपूर्ण शहर है जहां हिन्दुस्तान सर्कुलेशन के मामले में पिछले कई दशक से नंबर 1 के पोजीशन पर बरकरार था लेकिन हाल के दिनों में खबरों की गुणवत्ता में हुए ह्रास एवं समस्तीपुर कार्यालय में व्याप्त गुटबाजी के कारण रोसड़ा में हिन्दुस्तान सर्कुलेशन के मामले 1 नंबर से लुढ़कर नंबर 2 पर आ गया है। पिछले 1 साल के अंदर रोसड़ा में कई रिर्पोटर बनाए गए और हटाए गये। जिस गुट की जब चली अपने लोगों को रिर्पोटर बनाया और अपनी निजी स्वार्थ सिद्धि की। अभी भी यहां रिर्पोटिंग के मामले में हिन्दुस्तान की स्थिति अन्य अखबार की तुलना में बहुत ही कमजोर है। दूसरे अखबार के रिर्पोटर के रहमोकरम पर हिन्दुस्तान की गाड़ी चल रही है। हिन्दुस्तान के तीन रिर्पोटर में से दो स्थानीय नहीं है और जो स्थानीय हैं वो एनजीओ चलाते हैं और अपना कद काठी दुरूस्त करने एवं सरकारी सिस्टम पर अपना प्रभाव जमाने के उद्देश्य से अखबार का दामन थामे हुए हैं। एनजीओ चलानेवाले रिर्पोटर ने विभिन्न राजनीतिक दलों, स्वंयसेवी संस्थाओं, सरकारी, अर्द्धसरकारी एवं गैरसरकारी संस्थानों में सूचना दे रखी है कि हिन्दुस्तान के नाम से जो भी विज्ञप्ति रिलीज की जाये उसे ‘उदयननगर’ स्थित ‘जागरण’ के कार्यालय में रख दिया जाय। तीसरे रिर्पोटर जिन्हें पिछले सप्ताह फिर से नये ब्यूरो प्रभारी ब्रजमोहन मिश्रा द्वारा हिन्दुस्तान में जातीयता की जर्बदस्त पैरवी पर रखा गया है वे स्थानीय नहीं हैं। आश्चर्य की बात यह है कि रोसड़ा में हिन्दुस्तान को स्थानीय रिर्पोटर नहीं मिले जो सीमावत्र्ती बेगूसराय जिला निवासी को एचएमवीएल में बड़े अधिकारी विजय बाबू के हस्तक्षेप से रखा गया है। नतीजतन लोग शहर में हिन्दुस्तान के रिर्पोटर को ढूंढ़ते फिरते हैं और दो-दो रिर्पोटर रहने के बाद किसी एक से भी मुलाकात नहीं हो पाती है। रोसड़ा से एक दमखम वाले पत्रकार हिन्दुस्तान से जुड़ने का प्रयास किया तो उनके आवेदन को इसलिए दबा दिया गया कि वो बहुत बेहतर तरीके से काम कर सकते थे और समस्तीपुर कार्यालय को दब्बू बनकर रहने वाले रिर्पोटर की जरूरत है। इसी तरह रोसड़ा के अलावे सिंघियाघाट एवं हसनपुर में भी ‘हिन्दुस्तान’ अपने प्रतिद्वंदी ‘प्रभात खबर’ के साथ प्रतिस्पर्धा में हांफने लगा है।
(समस्तीपुर से विवेक कुमार सिन्हा की रिपोर्ट)