डॉ.राजू रंजन प्रसाद
प्रभात खबर, पटना के पृष्ठ 10 पर मुख्यमंत्री द्वारा 16 पुस्तकों का विमोचन किये जाने की खबर छपी है। इस पूरी रिपोर्ट में जो अशुद्धि की भरमार है उसकी तो बात ही मत कीजिए। तथ्य भी ये तोड़-मरोड़कर पेश करते हैं। इनको अपनी गलती का अहसास तक नहीं होता और अर्थ का अनर्थ कर डालते हैं। पुस्तक विमोचन के अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा था कि ‘जेपी मूवमेंट आजादी के बाद का सबसे बड़ा आंदोलन था।’ इस वाक्य को पत्रकार ने अपना शीर्षक बनाया और थोड़े सुधार के साथ लिखा, ‘जेपी मूवमेंट आजादी का सबसे बड़ा आंदोलन था।’ अब उस बेचारे पत्रकार को क्या मालूम कि उससे कितना बड़ा अनर्थ हो गया! ‘हो गया’ इसलिए कि उसे इस अर्थ-अनर्थ का ज्ञान कहाँ है! जान-बूझकर मुख्यमंत्री के साथ इतना भद्दा मजाक थोड़े करता!
(डॉ.राजू रंजन प्रसाद के वॉल से)