हर्षवर्धन प्रकाश
कांग्रेस कार्यालय में बुलाई गयी पत्रकार वार्ता में सवालों का सिलसिला शुरू करने से पहले एक साथी पत्रकार ने केन्द्रीय मंत्री को शुरुआत में अपनी बात कहने के लिए क्या कह दिया, वह पत्रकारों को आधे घंटे तक अपना चुनावी प्रवचन पिलाते रहे ! जब साथी पत्रकार ने मंत्री जी के ‘प्रवचन’ के बीच उनकी ‘शान’ में ‘गुस्ताख़ी’ करके सवाल कर दिया, तो उन्होंने बड़ी बेअदबी से कहा कि उनकी बात अभी खत्म नहीं हुई है! वह पत्रकारों को अपना श्रोता मानकर प्रवचन पिलाए जा रहे थे।बस इसी दिन सोच लिया था कि enough is enough!
अगले दिन इंदौर प्रेस क्लब में भी कमोबेश ऐसे ही हालात बने, जब अभिनेत्री से नेत्री बनी मोहतरमा ‘प्रेस से मिलिए’ कार्यक्रम के दौरान अपनी बात कहने के नाम पर पत्रकारों को 20 मिनट तक अपना अधकचरा ज्ञान पिलाती रहीं। फिर चार सवालों के बाद अपनी व्यस्तता का बहाना बनाकर खिसकने की कोशिश करने लगी। सब्र का बाँध टूट चुका था। प्रेस क्लब के पदाधिकारियों से कह दिया गया कि अगर अब किसी अतिथि को अपनी बात कहने के लिए पाँच मिनट से ज़्यादा का वक़्त दिया गया, तो अतिथि के ज़बरन थोंपे जा रहे लम्बे प्रवचन का लिहाज़ न करते हुए पत्रकार अपने सवाल करना शुरू कर देंगे।
बहरहाल, Sunil Joshi और Sanjay Lahoti को शुक्रिया कि उन्होंने प्रेस क्लब सदस्यों की जायज़ भावनाओं का मान रखते हुए अगले अतिथि को अपनी बात कहने के लिए केवल पांच मिनट दिए। उम्मीद की जाती है कि इंदौर प्रेस क्लब में आगे भी इस बात का ध्यान रखा जाएगा और अतिथियों को अपनी बात कहने के लिए पांच मिनट से ज़्यादा वक़्त हर्गिज़ नहीं
दिया जाएगा। इससे पत्रकारों को
अपने सवाल करने के लिए पहले के मुकाबले ज़्यादा वक़्त मिल सकेगा और उन्हें यह लगता रहेगा कि वह पत्रकार वार्ता में बैठे हैं, न कि किसी ‘प्रचार वार्ता’ में !
(स्रोत-एफबी)