पंकज त्रिपाठी
आज के दिन की शुरुआत एक ऐसे हादसे की याद से जो शायद ज़िंदगी भर नहीं भूल सकंगा.. और ना वो लोग भूल सकेंगे.. जो इस चेहरे से वाकिफ़ हैं.. कल मेरा जन्मदिन था और इससे बुरा दिन मेरे लिए कोई और नहीं हो सकता था.. रजत सिंह … आजतक का युवा रिपोर्टर… जुनून, टशन, हंसमुख, दुनिया को अपनी ठोकरों पर रखने वाला एटीट्यूड और यारबाज़ी… सबकुछ चला गया उसी के साथ.. 25 दिसंबर 2016.. मेरे जन्मदिन की तारीख पर उसने बहुत बड़ा धोखा दिया है मुझे… अपने परिवार को.. अपने दोस्तों को.. और समाज के उस वर्ग को जिसके लिए वो पूरे जुनून के साथ काम करता था.. रजत सिंह की याद में हमें आंसू नहीं बहाने हैं, बल्कि एक ऐसा संकल्प लेना है, जिससे इस तरह के आंसू हम किसी की आंखों में ना देख सकें..
कल तक तुम्हारे लिए स्टोरी लिखता था और आज तुम्हारे लिए श्रद्धांजलि लिख रहा हूं.. इससे बड़ा सदमा और क्या होगा..?
रजत सिंह की ज़िंदगी के कुछ पहलू और उसे हमसे दूर करने वाले हादसे के बारे में कुछ देर में आप सभी को बताता हूं.. मगर, पहले हम सब उसकी आत्मा की शांति के लिए दुआ करें और परिवार वालों को इस सदमे को बर्दाश्त करने की क्षमता..
रजत अब तुम हमारे बीच एक संकल्प बनकर हमेशा ज़िंदा रहोगे….
(पंकज त्रिपाठी के वॉल से साभार)