यह न कोई बड़ी खबर है और न कोई ब्रेकिंग न्यूज़. लेकिन फिर भी खबर जरूर है. खबर ये है कि जनसता के संपादक ओम थानवी ने अरविंद केजरीवाल को लेकर पहली दफे अपने फेसबुक स्टेटस में कुछ नकरात्मक टिप्पणी की है. टिप्पणी मीडिया को लेकर केजरीवाल के ताजा बयान से संबंधित है. ओम थानवी आम आदमी पार्टी और केजरीवाल की नीतियों की जी भर कर तारीफ़ करते रहे हैं. ऐसे में मीडिया के मुद्दे पर केजरीवाल की उनके द्वारा खिंचाई महत्वपूर्ण है. आप भी पढ़िए उन्होंने क्या लिखा:
ओम थानवी, संपादक, जनसत्ता
यह सही है कि कुछ पत्रकार भ्रष्ट हैं, ‘पेड न्यूज’ में कथित खबरों की कीमत वसूलने वाले मीडिया की काफी बदनामी भी हुई है। यह भी सच्चाई है कि मीडिया का कोई हिस्सा खुद नेताओं का है या कुछ नेताओं को ऊंचा उठाने और कुछ को गिराने का काम करता है।
इसके बावजूद केजरीवाल के बयान को मैं अनुचित मानता हूं क्योंकि वह धमकी की शक्ल में सामने आता है। पत्रकार जेल पहले भी जाते रहे हैं। सच बोलने के लिए भी जेल जाया जा सकता है और बेईमानी के लिए भी। केजरीवाल के खिलाफ ही सारे दिन जहर उगलने वाले एक चैनल का संपादक सौ करोड़ की उगाही के आरोप में जेल की हवा खा चुका है। हालांकि टीवी प्रसारकों का संगठन उसका कुछ न बिगाड़ सका, उसका काम बदस्तूर जारी है। फिर भी, किसी विवेकशील पत्रकार ने शायद ही ऐसे पत्रकार का साथ दिया होगा।
केजरीवाल अगर किसी अखबार या टीवी चैनल को बेईमान या षड्यंत्रकारी समझें तो कानून का सहारा जरूर लें। पर धमकी की शरण में जाएंगे तो उनमें या शिंदे में क्या फर्क रह जाएगा? पत्रकार समुदाय को भी इसका खयाल रखना होगा कि केजरीवाल की आलोचना (जो इस मामले में उचित ही होगी) के आवेश में उन चैनलों को शह नहीं मिलनी चाहिए जो पत्रकार बिरादरी पर कलंक हैं।