भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की लगातार किरकिरी हो रही थी. उन्हें पाकिस्तान को लेकर उनकी ललकार और दहाड़ की याद करवायी जा रही थी. लेकिन नरेंद्र मोदी चुप्पी साधे हुए थे. लेकिन कल जब उनकी चुप्पी टूटी तो उन्होंने पाकिस्तान को निशाने पर लिया. लेकिन उनके भाषण में युद्ध की ललकार जैसी कोई प्रतिध्वनि नहीं सुनाई दी. हालाँकि इसे लेकर तंज भी कसा गया, लेकिन साथ में इस संतुलित भाषण की तारीफ भी हुई और तारीफ़ करने वालों में कट्टर मोदी विरोधी पत्रकार भी शामिल हैं. उन्हीं पत्रकारों में से एक वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी भी हैं. वे लिखते हैं –
ओम थानवी,वरिष्ठ पत्रकार
भले प्रधानमंत्री खिसियाते हुए पाकिस्तान की जनता से मुख़ातिब हुए हों, पर युद्ध की आशंका को उन्होंने कल नकार दिया है। उन्होंने ग़रीबी, बेरोज़गारी, भुखमरी, अशिक्षा, नवजात शिशु मौतों के ख़िलाफ़ जंग का आह्वान किया है। पाकिस्तान के हुक्मरानों से भी भारत कूटनीतिक स्तर पर लड़ेगा।
इस तेवर से मोदी अपने पुराने वक्तव्यों के बरक्स चाहे बेमेल निकले हों, मगर प्रधानमंत्री के नाते उनका यह युद्ध-विरोधी इज़हार हर सूरत में स्वागतयोग्य क़दम है।
आजतक के पूर्व न्यूज़ डायरेक्टर कमर वहीद नकवी भी ओम थानवी की बात से इत्तेफाक रखते हुए लिखते हैं –
शायद अतिवादियों को बहुत निराशा हुई हो, लेकिन कोड़ीकोड में आज नरेन्द्र मोदी का भाषण सचमुच लाजवाब था. सीधे पाकिस्तान की जनता को सम्बोधित कर उन्होंने वाक़ई एक अनोखा और धारदार वार किया है. ‘हम साफ़्टवेयर का निर्यात करते हैं और आप आतंकवाद का’– बात पूरी तरह अहिंसक है, लेकिन ज़बर्दस्त तमाचा है यह उन पर, जो आतंकी षड्यंत्रों के कारख़ाने चला रहे हैं.